फर्जी दस्तावेजों से ड्रग लाइसेंस, 7 करोड़ के कफ सिरप रैकेट में दो गिरफ्तार

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​वाराणसी: कोडीन कफ सिरप के अवैध कारोबार का भंडाफोड़, करोड़ों का फर्जीवाड़ा उजागर

🚨 वाराणसी: कोडीन कफ सिरप के अवैध कारोबार का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार

वाराणसी कमिश्नरेट की कोतवाली पुलिस ने कोडीन युक्त कफ सिरप के गैरकानूनी व्यापार में शामिल एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है और दो मुख्य अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई पुलिस आयुक्त के निर्देश पर नशीले पदार्थों के कारोबार पर अंकुश लगाने के अभियान के तहत की गई है।

💊 फर्जीवाड़े से लाइसेंस और करोड़ों का कारोबार

गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों पर नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट और नए भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के तहत मुकदमा (235/2025) दर्ज किया गया है।जांच में यह सामने आया कि आरोपियों ने नशाखोरी के लिए इस्तेमाल होने वाले कोडीन कफ सिरप का बड़े पैमाने पर अवैध क्रय-विक्रय करने के लिए फर्जीवाड़ा किया था। उन्होंने जाली किराया समझौते और झूठे अनुभव प्रमाण पत्र का उपयोग करके ड्रग लाइसेंस हासिल किए। * विशाल कुमार जायसवाल की फर्म ‘हरी ओम फार्मा’ ने झारखंड की ‘शैली ट्रेडर्स’ से 4.18 लाख शीशियां खरीदीं और 5 करोड़ रुपये से अधिक का अवैध कारोबार किया। * बादल आर्य की फर्म ‘काल भैरव ट्रेडर्स’ ने भी उसी स्रोत से 1.23 लाख शीशियां खरीदकर 2 करोड़ रुपये से अधिक में बेचीं।

🚚 ‘शेल’ फर्मों और फर्जी बिलों का इस्तेमाल

अभियुक्तों ने खुलासा किया कि उनकी ये फार्मा फर्म सिर्फ कागजी कार्रवाई के लिए थीं। वे फर्जी ई-वे बिल और टैक्स इनवॉइस बनाकर असली माल अन्य स्थानों पर भेजते थे, जिससे उनका अवैध कारोबार पकड़ा न जाए।कोतवाली पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने सघन पूछताछ के बाद दोनों अभियुक्तों को शनिवार रात गिरफ्तार किया। पुलिस इस अवैध नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही है और मामले की आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है। यह घटना नशीले पदार्थों के कारोबार में इस्तेमाल होने वाले संगठित फर्जीवाड़े की गंभीरता को दर्शाती है।

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