मुख्यमंत्री के पौधारोपण अभियान को चुनौती: छतारी थाना क्षेत्र में बेखौफ चल रहा अवैध पेड़ कटान का कारोबार, वन विभाग मौन-

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माफिया कर रहे वर्षों पुराने पेड़ों का सफ़ाया; लाखों के राजस्व का नुकसान, प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल- प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की पर्यावरण अपील को ठेंगा दिखा रहे हैं लकड़ी माफिया

रिपोर्ट दीपक चौहान

बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश में एक ओर माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में ‘हरित उत्तर प्रदेश’ अभियान के तहत व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण पर जोर दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर बुलंदशहर के छतारी थाना क्षेत्र में लकड़ी माफिया पूरी तरह से बेखौफ होकर अवैध पेड़ कटान के कारोबार को अंजाम दे रहे हैं। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि यह अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है और वन विभाग तथा स्थानीय प्रशासन इस पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं कर रहा है।बेखौफ कटान से हरियाली को खतराप्राप्त जानकारी के अनुसार, छतारी थाना क्षेत्र के कई अंदरूनी और बाहरी इलाकों में वर्षों पुराने हरे-भरे पेड़ों को निशाना बनाया जा रहा है। रात के अंधेरे में या दिनदहाड़े भी माफिया द्वारा पेड़ों को काटकर उनकी लकड़ियों को ऊंचे दामों पर बेच दिया जाता है। इस अवैध गतिविधि से सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है, साथ ही पर्यावरण संतुलन भी बिगड़ रहा है।सूत्रों के मुताबिक, इस कारोबार में लगे माफिया इतने निडर हैं कि वे पुलिस या वन विभाग के अधिकारियों का कोई खौफ नहीं मानते। स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्होंने कई बार अवैध कटान की सूचना वन विभाग और पुलिस को दी है, लेकिन इसके बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है।विभाग की निष्क्रियता पर गंभीर सवालयह मामला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि यह कटान ऐसे समय हो रहा है जब माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी भी जनता से पर्यावरण संरक्षण और वृक्षारोपण की अपील करते हैं। स्थानीय लोगों ने सीधे तौर पर वन विभाग पर निष्क्रियता का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि विभाग की कथित ‘मिलीभगत’ या ‘लापरवाही’ के कारण ही माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।एक स्थानीय जागरूक नागरिक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “एक तरफ हमारे प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी पेड़ लगाने की बात करते हैं, वहीं दूसरी तरफ हमारी आंखों के सामने माफिया बेखौफ होकर जंगल और खेतों के पेड़ काट रहे हैं। वन विभाग को सब पता है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।”अवैध कटान से भूमाफियाओं को बलजानकारों का मानना है कि कई मामलों में यह अवैध कटान केवल लकड़ी बेचने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे भूमाफियाओं का हाथ भी हो सकता है, जो पेड़ काटकर जमीन को समतल कर प्लॉटिंग या अन्य अवैध निर्माण की कोशिश में होते हैं।उच्चाधिकारियों से अपीलइस गंभीर मामले को देखते हुए, क्षेत्र की जनता और पर्यावरण प्रेमियों ने जिला प्रशासन के उच्चाधिकारियों, विशेषकर जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) से अपील की है कि वे छतारी थाना क्षेत्र में चल रहे इस अवैध कारोबार पर तुरंत संज्ञान लें। मांग की गई है कि अवैध कटान करने वाले माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और संबंधित लापरवाह अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए, ताकि सरकार के पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को ज़मीन पर सफल बनाया जा सके।संवाददाता (Bulandshahr) दीपिक चौहान

दिनांक: 20 अक्टूबर, 2025

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