*बांह में काली पट्टी बांधकर शिक्षकों ने किया मूल्यांकन**पुरानी पेंशन, कैशलेश इलाज की मांग*
रिपोर्ट विकास तिवारी
*24 माह से एनपीएस व नौ साल से डीए एरियर अंशदान अपडेट नहीं*मिर्जापुर। मूल्यांकन के पहले दिन बुधवार को तीनों केंद्रों पर शिक्षकों ने कॉपियां तो जांची पर अपनी मांगों को लेकर सरकार की वादाखिलाफी का प्रतिरोध भी किया। उन्होंने बांह में काली पट्टी बांधकर मूल्यांकन किया। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर संगठन के पदाधिकारियों ने तीनों केंद्रों पर शिक्षकों से प्रतिरोध का आह्वान किया। मंडलीय अध्यक्ष केदार नाथ दूबे ने डीआईओएस कार्यालय, जिलामंत्री डॉ0 रमा शंकर शुक्ल, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य जितेंद्र बहादुर सिंह व राधाकांत त्रिपाठी ने जीआईसी पर प्रतिरोध का नेतृत्व किया। जिलाध्यक्ष सत्यभूषण सिंह एवं मंडलीय मंत्री गणेश सिंह ने बीएलजे तथा जिला कार्यकारिणी सदस्य राकेश यादव, उपाध्यक्ष सुरेन्द्र बहादुर सिंह, ओम प्रकाश, संदीप कुमार ने राजस्थान इंटर कॉलेज केंद्र पर प्रतिरोध का मोर्चा खोला। नेताओं ने कहा कि आंदोलन के दूसरे चरण में पुरानी पेंशन की बहाली, चयन बोर्ड अधिनियम की धारा 12, 18, 21 की पुनर्स्थापना, वित्त विहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को समान कार्य का समान वेतन, अन्य कर्मचारियों की भांति शिक्षकों को भी निशुल्क चिकित्सा सुविधा मिलनी चाहिए। जिले में एनपीएस में घोटाला हुआ है। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय खाते में चार करोड़ रुपए मौजूद होने के बाद भी 24 माह से एनपीएस अपडेट नहीं है और नौ साल से एनपीएस की डीए कटौती कभी प्रान खाते में भेजी ही नहीं गई। इस संबंध में आंदोलन के पहले चरण में सरकार से हुई वार्ता में केवल आश्वासन ही मिला। सरकार की वादाखिलाफी असह्य है।
