तेजस्वी संगठन न्यास की वर्चुअल संगोष्ठी स्वदेशी तकनीक अपनाने का आह्वान, जोहो कॉरपोरेशन को बधाई
सोनभद्र, 3 अक्टूबर।तेजस्वी संगठन न्यास द्वारा आयोजित वर्चुअल संगोष्ठी में सभी अनुषांगिक संगठनों व सहयोगी प्रतिष्ठानों से “स्वदेशी अपनाओ – आत्मनिर्भर भारत बनाओ” का आह्वान किया गया। वक्ताओं ने कहा कि स्वदेशी तकनीक, उत्पादों और सॉफ़्टवेयर को अपनाकर भारत को आत्मनिर्भर एवं वैश्विक स्तर पर मज़बूत बनाया जा सकता है।संगोष्ठी में विशेष रूप से जोहो कॉरपोरेशन द्वारा प्रस्तुत किए गए स्वदेशी डिजिटल साधनों पर चर्चा हुई, जिनमें – जोहो मेल, जोहो ऑफिस सूट (राइटर, शीट, शो), जोहो क्लिक, जोहो प्रोजेक्ट्स, उला ब्राउज़र, जोहो सोशल चैट अनुप्रयोग और अरत्तै (व्हाट्सऐप का स्वदेशी विकल्प) प्रमुख हैं।


तेजस्वी संगठन न्यास के संस्थापक ई. प्रकाश पाण्डेय ने अपने बधाई संदेश में कहा –”स्वदेशी तकनीक का प्रयोग भारत की आत्मनिर्भरता को सशक्त करेगा और विश्व पटल पर भारत की नई पहचान बनेगी। मैं जोहो कॉरपोरेशन के संस्थापक एवं सीईओ श्रीधर बम्बू जी को इस नवाचार के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ।”प्रमुख प्रतिभागीसंगोष्ठी में विभिन्न संगठनों व राज्यों से प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इनमें –गोपाल सिंह वेद्य (प्रबंध निदेशक, यूनिवर्सल सोनांचल फ़ॉर्मर एसोसिएशन), अभयकांत दुबे (निदेशक, यूनिवर्सल सोनांचल फ़ॉर्मर एसोसिएशन)संतोष सिंह, कमलेश पाण्डेय,हिमांशु चतुर्वेदी (राष्ट्रीय संगठन मंत्री, तेजस्वी किसान मार्ट), सौरभ सिंह यादव (तेजस्वी युवा समिति), लखन मिश्रा, प्रदीप मिश्रा (तेजस्वी संगठन), धर्मेंद्र सिंह (तेजस्वी सेवार्थ सेवा आश्रम), श्री श्री 108 सुग्रीवानंद जी महाराज (अध्यक्ष, तेजस्वी मंदिर निर्माण समिति), श्रीमती प्रियंका देवी (अध्यक्ष, तेजस्वी महिला कल्याण समिति), भोलेनाथ महतो (पश्चिम बंगाल), रमेश सिंह (बिहार), शैलेश सिंह (लखनऊ), गिनीज़ कुमार (केरल), राजू रज्जाक (तेलंगाना), मुकुल अधिकारी (पश्चिम बंगाल), कृष्ण कोच (असम), कल्पेश भाई (गुजरात), महेश कुमार पाण्डेय (मीरजापुर, तेजस्वी किसान मार्ट) आदि प्रमुख रहे।सहयोगी प्रतिष्ठानइस वर्चुअल संगोष्ठी में यूनिवर्सल सोनांचल फ़ॉर्मर एसोसिएशन, तेजस्वी किसान मार्ट, तेजस्वी युवा समिति, तेजस्वी महिला कल्याण समिति, तेजस्वी सेवार्थ सेवा आश्रम और तेजस्वी मंदिर निर्माण समिति सहित अन्य सहयोगी संस्थान सक्रिय रूप से जुड़े।सभी प्रतिनिधियों ने संकल्प लिया कि वे स्वदेशी उत्पादों, तकनीक और सेवाओं को अपनाएँगे तथा “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” अभियान को मज़बूती देंगे।
