वाराणसी में भांग के ठेके के बगल में खुलेआम बिक रहा गाँजा, पुलिस की लापरवाही और व्यवस्था पर लगा प्रश्नचिह्न

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वाराणसी के टेंगरा मोड़ पर भीटी चौकी से महज 100 मीटर दूर सरकारी भांग की दुकान के बगल में चल रहा अवैध धंधावाराणसी। जिले में नशे के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए कप्तान साहब के बार-बार जारी किए गए निर्देशों के बावजूद अवैध गांजे की बिक्री थमने का नाम नहीं ले रही है।

ताज़ा मामला टेंगरा मोड़ का है, जहां भीटी चौकी से मात्र 100 मीटर की दूरी पर स्थित सरकारी भांग की दुकान के बगल में ही खुलेआम गांजे की बिक्री हो रही है। पुलिस चौकी और जिम्मेदार विभाग के इतने नजदीक अवैध कारोबार का चलना सुरक्षा व्यवस्था और सिस्टम की साख दोनों पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।खुलेआम नशे का धंधास्थानीय लोगों का कहना है कि सरकारी दुकान के नाम पर वैध भांग की बिक्री की आड़ में गांजे का अवैध कारोबार भी फल-फूल रहा है। दिनदहाड़े नशे का यह धंधा चल रहा है, लेकिन न तो पुलिस की सख्ती दिखाई देती है और न ही आबकारी विभाग की सक्रियता।कागजों पर कार्रवाई, धरातल पर सन्नाटाआबकारी विभाग अक्सर कागजों पर छापेमारी और कार्रवाई का दावा करता है, लेकिन हकीकत यह है कि धरातल पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते। सूत्रों का कहना है कि अधिकारियों को इन गतिविधियों की जानकारी है, मगर सिस्टम और कारोबारियों के गठजोड़ के कारण कार्यवाही ठंडी पड़ी रहती है।युवाओं का भविष्य संकट मेंटेंगरा मोड़ जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके में गांजे की खुलेआम बिक्री युवाओं को बुरी तरह प्रभावित कर रही है। किशोर और छात्र आसानी से इस जाल में फंस रहे हैं। अभिभावक चिंतित हैं कि यदि जल्द ही प्रशासन सख्त कदम नहीं उठाता तो यह नशा नई पीढ़ी के भविष्य को पूरी तरह बर्बाद कर देगा।कप्तान के आदेश की अनदेखीकप्तान साहब ने स्पष्ट कहा था कि जिले में किसी भी सूरत में अवैध कारोबार बर्दाश्त नहीं होगा। बावजूद इसके भीटी चौकी से महज 100 मीटर की दूरी पर गांजे की बिक्री यह दिखाती है कि स्थानीय स्तर पर अधिकारी कप्तान के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।जनता का सवालटेंगरा मोड़ की यह हकीकत सामने आने के बाद लोगों में आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि जब पुलिस चौकी के इतने पास नाजायज धंधा हो सकता है तो फिर दूर-दराज के इलाकों की क्या स्थिति होगी? जनता का सीधा सवाल है कि क्या इस बार जिम्मेदार विभाग कोई ठोस कार्रवाई करेगा या फिर मामले को हमेशा की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा। अब देखने वाली बात यह होगी कि वायरल शिकायतों और लगातार बढ़ते दबाव के बाद पुलिस और आबकारी विभाग सक्रिय होते हैं या फिर सिस्टम की चुप्पी नशे के इस कारोबार को और मजबूती देती है।

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