वाराणसी उत्तर प्रदेश जौनपुर के नेवढ़िया थाना क्षेत्र की एक महिला ने समाजवादी पार्टी के एक बाहुबली नेता राजेश पांडेय और अपने देवर पर आपत्तिजनक वीडियो का सहारा लेकर ब्लैकमेल करने और बदनाम करने का गंभीर आरोप लगाया है। पुलिस अधिकारियों से न्याय न मिलने पर महिला ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर वाराणसी के डीआईजी के हस्तक्षेप के बाद आखिरकार एफआईआर दर्ज की गई।
पुलिस की अनदेखी के बाद कोर्ट का सहारा
पीड़िता के अनुसार, उन्होंने जौनपुर के पुलिस अधीक्षक समेत कई अधिकारियों से शिकायत की थी, लेकिन उनकी सुनवाई कहीं नहीं हुई। इसके बाद, मजबूर होकर उन्हें कोर्ट का सहारा लेना पड़ा। कोर्ट ने उनकी याचिका पर संज्ञान लेते हुए मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।
डीआईजी के दखल के बाद हुई कार्रवाई

पीड़िता ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बावजूद जौनपुर पुलिस मुकदमा दर्ज करने में आनाकानी कर रही थी। अंततः, उन्हें वाराणसी के डीआईजी के पास जाना पड़ा, जिनके हस्तक्षेप के बाद नेवढ़िया थाने में संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

आरोपी की धमकी से डरी पीड़िता
मुकदमा दर्ज होने के बाद भी पीड़िता का डर कम नहीं हुआ है। उनका आरोप है कि आरोपी पक्ष के लोग उन्हें लगातार धमकी दे रहे हैं कि “अपना मुकदमा वापस ले लो, नहीं तो तुम्हारी और तुम्हारे बच्चों की खैर नहीं है।” इस धमकी से पीड़िता सहमी हुई है और उन्हें अपने और अपने परिवार की सुरक्षा की चिंता सता रही है।
पीड़िता ने प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बावजूद न्याय की गुहार लगाई है। फिलहाल पुलिस इस मामले की आगे की जांच कर रही है, लेकिन पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय और सुरक्षा की उम्मीद है।
