#PahalgamTerroristAttack #Pahalgam #Pakistan #PakistanArmy पहलगाम आतंकी हमले में शामिल पाकिस्तान का पूर्व सैनिक पिछले 2 साल से जम्मू-कश्मीर में एक्टिव था. आतंकी आसिफ फौजी उर्फ हाशिम मूसा ने आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा में शामिल होकर कई हमलों को अंजाम दे रहा था. बताया जा रहा है कि मूसा ने साल 2023 में बारत में घुसपैठ की थी. पाकिस्तान सेना के विशेष सेवा समूह (SSG) के कमांडो आसिफ फौजी उर्फ हाशिम मूसा, जो पहलगाम में हमले के मुख्य अपराधियों में से एक है, पिछले दो साल से जम्मू और कश्मीर में सक्रिय था और सुरक्षा बलों और गैर-स्थानीय लोगों पर कम से कम तीन हमलों में शामिल था…जांच दल के सूत्र ने कहा कि पाकिस्तानी सेना के विशेष सेवा समूह (SSG) ने लश्कर में शामिल होने और आतंकी संगठन के कश्मीर अभियानों को मजबूत करने के लिए काम किया, जिसके बाद वह प्रतिबंधित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) में शामिल हो गया. ऐसा माना जाता है कि उसने सितंबर 2023 में भारत में घुसपैठ की थी. कहा जाता है कि मूसा एक प्रशिक्षित कमांडो है और उसे अपरंपरागत युद्ध और गुप्त ऑपरेशनों का विशेषज्ञ माना जाता है. सूत्रों के अनुसार, मूसा की SSG पृष्ठभूमि का खुलासा 14 कश्मीरी ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) में से एक ने किया, जिससे जांचकर्ताओं ने पूछताछ की. माना जा रहा है कि मूसा 4 अन्य आतंकवादियों के साथ पीर पंजाल रेंज के ऊंचे इलाकों में छिपा रहता है, जिन्होंने मंगलवार को बैसरन में पर्यटकों पर हमला किया था. संदेह है कि मूसा लश्कर-ए-तैयबा के अलावा घाटी में सक्रिय अन्य पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूहों के साथ काम कर रहा हो सकता है. पुलिस ने आतंकवादियों की जानकारी देने वाले को 20 लाख रुपये का इनाम देने की भी घोषणा की है. नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि जांच के हिस्से के रूप में सुरक्षा एजेंसियां लश्कर के ओवरग्राउंड वर्कर्स सहित समान लिंक की तलाश कर रही हैं, जिन्होंने पिछले एक साल में सीमा के पास से कश्मीर के विभिन्न जिलों में पाकिस्तानी आतंकवादियों की यात्रा में मदद की. ..एक अन्य अधिकारी ने कहा कि हमलावरों, खासकर मूसा के बारे में अधिक जानकारी के लिए कुछ और ओवरग्राउंड वर्कर्स से पूछताछ की जा रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ये घटनाक्रम पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) की भूमिका की ओर इशारा करते हैं.
