रिपोर्ट विकास तिवारी
बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के नेतृत्व में जनपद की समस्त आँगनबाड़ी केंद्रों में 8 अप्रैल से 22 अप्रैल तक मनाया जा रहा है पोषण पखवाड़ा जिसके अन्तर्गत राजगढ मिर्जापुर दिनाँक 22अप्रैल 2025 को ब्लॉक के नवनियुक्त 51 आंगनवाड़ी कार्यकत्री को नियुक्ति पत्र वितरण एवं पोषण पखवाड़े का विशेष समापन आयोजन किया गया , जिसमें माननीय विधायक श्री रमाशंकर सिंह पटेल जी द्वारा राजगढ़ परियोजना के 51एवं नवनियुक्त आंगनवाड़ी कार्यकत्री कोनियुक्ति पत्र कीया गया बीडीओ वीरेंद्र प्रताप वर्मा एडीओ धर्मेंद्र दुबेऔर सीडीपीओ मीना गुप्ता द्वारा पोषण पखवाड़ा प्रत्येक केंद्रों पर मनाए जाने एवं जनमानस में पोषण के प्रति जागरूकता की अलख जगाने की अपील की गई
राष्ट्रीय पोषण पखवाड़े के जन आंदोलन कार्यक्रम अंतर्गत जीवन के प्रथम 1000 दिनों में नवचेतना एवं सक्षम पुस्तिका का प्रयोग करते हुए गर्भवती , धात्री माताओं एवं शिशुओं के स्वास्थ्य एवं पोषण पर एक वृहद चर्चा आयोजत की गई । कार्यक्रम के दौरान आँगनबाड़ी कार्यकर्ता नीरज किरण संजू दीपा निधि सियापति मुख्य सेविका कुमुद आदि के सहयोग से पोषण आधारित रंगोली का चित्रण भी किया साथ ही नीव फ्लिप बुक के माध्यम से समस्त समुदाय को जीवन के प्रथम 1000 दिनों के दौरान बच्चों के शारीरिक ,मानसिक , बौद्धिक, भवनात्मक विकास हेतु सवेदनशील परवरिश के विषय में गहनता के अनेक रोचक जानकारियां प्रदान की । आयोजन किया गया। केंद्र सरकार ने पोषण अभियान कार्यक्रम के तहत “सातवां पोषण पखवाड़ा” लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य कुपोषण को समाप्त करना और समाज के संवेदनशील वर्गों के लिए पोषण के परिणामों में सुधार लाना है। यह अभियान 8 अप्रैल से 22 अप्रैल 2025 तक चला जिसमें विभिन्न विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, सैम बच्चों को कैंप लगाकर nrc भेजा गया।जैसे कि जीवन के प्रथम 1000 दिनों में स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना, कुपोषण का प्रबंधन करना और पोषण ट्रैकर के बारे में जागरूकता बढ़ाना। यह एक राष्ट्रीय पहल है जिसमें सरकारी मंत्रालयों, स्थानीय समुदायों और विभिन्न संगठनों की भागीदारी से बच्चों, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और किशोरियों के स्वास्थ्य और पोषण स्तर को बेहतर बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
पोषण पखवाड़े 2025 के प्रमुख विषय
1 . जीवन के पहले 1000 दिनों पर ध्यान: गर्भावस्था से लेकर बच्चे के दूसरे जन्मदिन तक पोषण का महत्व।
2 . पोषण ट्रैकर के लाभार्थी/नागरिक मॉड्यूल के बारे में जागरूकता: डिजिटल भागीदारी को प्रोत्साहित करना।
3 . CMAM (सामुदायिक आधारित तीव्र कुपोषण प्रबंधन): स्थानीय स्तर पर कुपोषण से निपटने के उपाय।
** 4 . बचपन में मोटापे से बचाव हेतु स्वस्थ जीवनशैली: शिक्षा और जागरूकता।*
पोषण पखवाड़ा 2025 के उद्देश्य
स्थानीय स्तर पर पोषण सुधार: ग्राम, ब्लॉक और जिला स्तर पर केंद्रित प्रयास।
समुदाय भागीदारी और पोषण शिक्षा: घर-घर जाकर जागरूकता कार्यक्रम और संपर्क अभियान।
केवल स्तनपान और पूरक आहार का प्रचार: शिशु के प्रारंभिक पोषण के लाभों पर जोर।
पोषण ट्रैकर के माध्यम से सशक्तिकरण: नागरिकों को पोषण स्तर की निगरानी के लिए प्रोत्साहित करना।
पोषण अभियान के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए मीना गुप्ता द्वारा बताया गया कि जिस जीवन के 100दिन महत्वपूर्ण है उसी प्रकार कुपोषण को दूर करने के लिए अतिकुपोषित बच्चो की उचित स्वास्थ्य देखभाल और सैम बच्चों को nrc में भर्ती करवा कर विशेष स्वास्थ्य देखभाल करना अतिआवश्यक है
भारत जैसे विशाल देश में, जहां विज्ञान और तकनीक में निरंतर प्रगति हो रही है, वहीं कुपोषण अब भी एक गंभीर और जटिल सामाजिक संकट बना हुआ है. यही वजह है कि सरकार ने वर्ष 2018 में ‘पोषण अभियान’ की शुरुआत की थी, ताकि महिलाओं, बच्चों और पूरे परिवार को उचित पोषण सुनिश्चित किया जा सके.
