दुबई से 2000 करोड़ का साम्राज्य चला रहा ‘किंगपिन’ शुभम जायसवाल
🚨 2000 करोड़ कफ सिरप तस्करी: बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह गिरफ्तार, दुबई में बैठा किंगपिन शुभम और ‘टाटा’ का सिंडिकेट खतरे में!
🚨लखनऊ: उत्तर प्रदेश STF ने ₹2000 करोड़ से अधिक के कोडिन कफ सिरप तस्करी रैकेट में एक बड़ी सफलता हासिल की है। इस सिंडिकेट के प्रमुख सदस्यों में से एक, बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह को लखनऊ कोर्ट में सरेंडर करने से ठीक पहले दबोच लिया गया है।आलोक सिंह की गिरफ्तारी को इस पूरे अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क की जड़ें खोदने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। जांच में सामने आया है कि इस सिंडिकेट का मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल है, जो वर्तमान में दुबई से बैठकर पूरे अवैध कारोबार को चला रहा है।
🤝 सिंडिकेट के मुख्य चेहरे और बाहुबली कनेक्शन
जांच एजेंसियों के मुताबिक, कफ सिरप तस्करी का यह साम्राज्य मुख्य रूप से तीन चेहरों पर टिका है:शुभम जायसवाल (किंगपिन): वाराणसी का रहने वाला शुभम जायसवाल, जो एक साधारण दवा कारोबारी से 5 सालों में 2000 करोड़ रुपये का मालिक बन गया। वह दुबई से पूरे नेटवर्क को संचालित कर रहा है और उसके पिता को हाल ही में थाईलैंड भागने की कोशिश के दौरान कोलकाता एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था।अमित सिंह ‘टाटा’: इस सिंडिकेट का एक और प्रमुख सदस्य, जिसकी पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है। अमित टाटा के नाम पर भी फर्जी फर्म्स थीं और उसके संबंध पूर्वांचल के कई बाहुबली नेताओं (पूर्व सांसद धनंजय सिंह और विधायक सुशील सिंह) से सामने आए हैं। सोशल मीडिया पर इन तस्करों की नेताओं के साथ तस्वीरें भी वायरल हुई हैं।आलोक सिंह (गिरफ्तार सिपाही): एसटीएफ का बर्खास्त सिपाही और बाहुबली पूर्व सांसद का करीबी बताया जाता है। गिरफ्तारी के बाद उससे हवाला लेनदेन और सिंडिकेट के राजनेताओं से संबंधों को लेकर सघन पूछताछ की जा रही है।
💰 ED का बड़ा खुलासा: फर्जी कंपनियों का जालप्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में खुलासा हुआ है कि इस अवैध कफ सिरप का कारोबार झारखंड से शुरू होकर बिहार, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश तक फैला हुआ था।सिंडिकेट ने 2000 करोड़ से अधिक का काला कारोबार किया।तस्करी के लिए कई फर्जी कंपनियों (शैली ट्रेडर्स, श्री मेडिकल, देव कृपा मेडिकल एजेंसी आदि) और सैकड़ों बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया।कोडिन युक्त ‘फेंसेडिल’ जैसे कफ सिरप की तस्करी के लिए मुख्य रूप से हवाला के जरिए भारी नकद लेनदेन किया जाता था।जांच एजेंसियों का मानना है कि आलोक सिंह से मिली जानकारी के आधार पर अब सिंडिकेट से जुड़े अन्य सफेदपोशों और नेताओं पर भी जल्द ही शिकंजा कसा जा सकता है









