​देव दीपावली 2025: 25 लाख दीयों की रोशनी, 3D लेज़र और ग्रीन आतिशबाजी से दिखेगा ‘दिव्य-भव्य’ काशी का रूप!

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देव दीपावली 2025: ‘क्लीन, ग्रीन और डिवाइन काशी’ के अद्भुत संगम से जगमगाएंगे गंगा के घाट

वाराणसी: काशी की विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली (5 नवंबर, 2025) इस बार अपनी दिव्यता और भव्यता से पूरी दुनिया को आकर्षित करने के लिए तैयार है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार, यह आयोजन ‘क्लीन काशी, ग्रीन काशी, डिवाइन काशी’ के भाव से मनाया जाएगा। इस वर्ष, काशी की सनातन परंपरा और आधुनिक तकनीक का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा।

✨ भव्यता के मुख्य आकर्षण:

* 25 लाख दीयों की रोशनी: गंगा के अर्धचंद्राकार घाट करीब 25 लाख दीयों की रोशनी से जगमगाएंगे, जो आस्था और अध्यात्म का अभूतपूर्व दृश्य प्रस्तुत करेंगे। *

3D लेज़र और प्रोजेक्शन शो:

चेत सिंह घाट पर प्रतिदिन तीन बार 25 मिनट का 3D प्रोजेक्शन मैपिंग और लेज़र शो आयोजित किया जाएगा। यह शो काशी, गंगा और देव दीपावली की पौराणिक कथाओं को जीवंत करेगा।

* ग्रीन आतिशबाजी:

काशी विश्वनाथ धाम घाट के सामने, गंगा पार रेत पर 10 मिनट का ग्रीन आतिशबाजी (Green Firecracker) शो होगा, जो पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए आकाश को आलोकित करेगा।

* कला और सजावट:

* नमो घाट से अस्सी घाट तक स्मार्ट लाइटिंग की विशेष व्यवस्था की जा रही है।

* घाटों पर आकर्षक फ्लोरल डेकोरेशन और थीम-आधारित इंस्टालेशन लगाए जाएंगे।

* काशी विश्वनाथ घाट और चेत सिंह घाट के बीच रेत पर सैंड आर्ट इंस्टॉलेशन भी आकर्षण का केंद्र होगा।

🛡️ सुरक्षा और व्यवस्था पर विशेष ध्यान:

श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता पर रहेगी।

* घाटों और प्रमुख मार्गों पर सफाई और सजावट की पुख्ता व्यवस्था की जा रही है।

* ड्रोन और सीसीटीवी मॉनिटरिंग के साथ 24×7 कंट्रोल रूम सक्रिय रहेगा।

* श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त शौचालय, पेयजल, चिकित्सा सहायता केंद्र और आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध होंगी।

* नाविकों की सुरक्षा के लिए लाइफ जैकेट, पंजीकरण टैग और निर्धारित रूट की जानकारी सुनिश्चित की जाएगी।

गंगा महोत्सव:

देव दीपावली से पहले, 1 से 4 नवंबर तक राज घाट पर गंगा महोत्सव का आयोजन होगा, जिसमें स्थानीय कलाकारों को प्राथमिकता दी जाएगी।यह भव्य आयोजन देव दीपावली को केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि आस्था, अनुशासन और आत्मबल का उत्सव बनाएगा, जिसे देखकर काशी आने वाले श्रद्धालु ‘अतिथि देवो भवः’ की भारतीय परंपरा का अनुभव करेंगे।

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