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✨ आस्था का अद्भुत संगम: काशी के घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं ने दिया अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य
रिपोर्ट पवन जायसवाल
छठ महापर्व: दशाश्वमेध सहित सभी घाटों पर उमड़ी व्रतियों की भारी भीड़; सुख-समृद्धि की कामनावाराणसी। आस्था के महापर्व छठ पूजा को लेकर सोमवार को काशी के घाटों पर श्रद्धा और भक्ति का अप्रतिम नज़ारा देखने को मिला। दशाश्वमेध घाट सहित गंगा के तमाम घाटों पर लाखों व्रतियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिन्होंने अस्ताचलगामी (डूबते हुए) सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार की सुख-समृद्धि और आरोग्य की कामना की।⏳ दोपहर 2 बजे से ही शुरू हुआ घाटों पर व्रतियों का आगमनछठ महापर्व के संध्या अर्घ्य के लिए, सोमवार दोपहर 2 बजे से ही व्रत करने वाली महिलाएं अपने परिवार के साथ पूजन सामग्री लेकर घाटों पर पहुंचने लगी थीं। शाम होते-होते आलम यह था कि गंगा के घाटों का सम्पूर्ण परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भर गया। व्रती महिलाएं व पारिवारिकजन फल और पूजा सामग्री के साथ नियत स्थान पर एकत्रित हुए।🌅 पवित्र गंगाजल में खड़े होकर सामूहिक अनुष्ठानजैसे ही भगवान सूर्य की अंतिम सुनहरी किरणें क्षितिज की ओर ढलने लगीं, लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा जल में खड़े होकर भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया। व्रती महिलाओं की टोलियाँ गंगा के जल में उतरकर सामूहिक रूप से धार्मिक अनुष्ठान का निर्वहन करती दिखीं। यह दृश्य छठ महापर्व की महत्ता और आस्था की गहराई को दर्शाता है।🚨 सुरक्षा के लिए जल पुलिस, NDRF की टीमें रहीं मुस्तैदइस महापर्व पर जुटी विशाल भीड़ को देखते हुए, प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतज़ाम किए थे। जल पुलिस, एनडीआरएफ (NDRF) और प्रशासनिक टीमें घाटों पर मुस्तैदी से मौजूद रहीं। नाभिक समाज के स्वयंसेवकों ने भी सहायता में जुटकर यह सुनिश्चित किया कि किसी को भी कोई असुविधा न हो। अर्घ्य सम्पन्न होने के बाद श्रद्धालु अपने घरों की ओर रवाना हुए।










🌅 वाराणसी में आस्था का सैलाब: काशी के घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं ने दिया अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्यवाराणसी। आस्था के महापर्व छठ पूजा को लेकर सोमवार को काशी के घाटों पर श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत नज़ारा देखने को मिला। दशाश्वमेध घाट सहित गंगा के तमाम घाटों पर लाखों व्रतियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिन्होंने अस्ताचलगामी (डूबते हुए) सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार की सुख-समृद्धि और आरोग्य की कामना की।दोपहर से ही जुटने लगीं व्रती महिलाएंछठ महापर्व के संध्या अर्घ्य के लिए, सोमवार दोपहर 2 बजे से ही व्रत करने वाली महिलाएं अपने परिवार के साथ घाटों पर पहुंचने लगी थीं। शाम होते-होते आलम यह था कि घाटों का सम्पूर्ण परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भर गया। * अर्घ्य का क्षण: जैसे ही भगवान सूर्य की अंतिम सुनहरी किरणें क्षितिज की ओर ढलने लगीं, लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा जल में खड़े होकर भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया। * सामूहिक अनुष्ठान: व्रती महिलाओं की टोलियाँ गंगा के जल में उतरकर सामूहिक रूप से धार्मिक अनुष्ठान का निर्वहन करती दिखीं। इस दौरान पारिवारिकजन फल, पूजन सामग्री और पारंपरिक ‘सूप’ के साथ श्रद्धापूर्वक उनके साथ खड़े रहे।सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ामइतनी बड़ी संख्या में जुटी भीड़ को देखते हुए, सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतज़ाम किए गए थे। जल पुलिस, एनडीआरएफ (NDRF) और प्रशासनिक टीमें घाटों पर मुस्तैदी से मौजूद रहीं।> “भीड़ को नियंत्रित रखने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए हमने व्यापक व्यवस्था की थी। किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए नाभिक समाज के स्वयंसेवकों ने भी महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की।” –











