तेजस्वी किसान मार्ट ने आयोजित किया वर्चुअल प्रशिक्षण कार्यक्रम
प्राकृतिक खेती और जैविक कृषि पर विशेषज्ञों ने किसानों को किया मार्गदर्शन05 अक्टूबर 2025
तेजस्वी किसान मार्ट के तत्वावधान में “प्राकृतिक खेती एवं जैविक कृषि” विषय पर एक वर्चुअल प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम गूगल मीट मंच के माध्यम से आयोजित किया गया, जिसमें प्रदेश भर से किसानों और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।कार्यक्रम की अध्यक्षता ई. प्रकाश पाण्डेय, संस्थापक एवं अध्यक्ष, तेजस्वी किसान मार्ट ने की। उन्होंने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि तेजस्वी किसान मार्ट किसानों को सतत, सुरक्षित एवं लाभकारी कृषि की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए सतत प्रयासरत है। उन्होंने यह भी बताया कि तेजस्वी किसान मार्ट के स्टोर पर प्राकृतिक खाद, जैविक कीटनाशक एवं अन्य कृषि उत्पाद उपलब्ध हैं, तथा पंजीकृत किसानों को निःशुल्क प्रशिक्षण प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे।डॉ. टी. डी. मिश्रा (वरिष्ठ वैज्ञानिक, कृषि विश्वविद्यालय नैनी) ने रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करने पर बल देते हुए कहा कि देसी बीजों का संरक्षण, हरी खाद एवं वर्मी कंपोस्ट का उपयोग, नीम आधारित उपचार और रोगग्रस्त शाखाओं की छंटाई से मिट्टी की उर्वरता बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और मानव स्वास्थ्य सुरक्षा को कृषि की प्राथमिकता बताया।श्री चंद्रसेन सिंह (संस्थान प्रमुख, प्राकृतिक एवं जैविक खेती, जौनपुर) ने जैविक खाद जैसे जीवामृत, घनजीवामृत और बीजामृत के उपयोग पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने निमास्त्र, ब्रह्मास्त्र, अग्नेयास्त्र, खट्टी छाछ और दशपर्णी जैसे जैविक कीटनाशकों के नियमित प्रयोग की सलाह दी, जिससे रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता घटती है।श्री एस. के. सिंह (पूर्व उप महाप्रबंधक, भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड एवं बिज़नेस हेड, एर्डे एग्रो ईकोसिस्टम प्रा. लि.) ने जैविक खेती और प्राकृतिक उर्वरकों के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने किसानों को आईपीएम (समेकित कीट प्रबंधन) अपनाने और बाजार समर्थन, मूल्य निर्धारण तथा ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन के लाभों के प्रति जागरूक किया।श्री हिमांशु चतुर्वेदी (संचालन, तेजस्वी किसान मार्ट) ने प्राकृतिक खेती और कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लाभों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से किसानों को पूर्वनिर्धारित मूल्य और बाजार की गारंटी प्राप्त होती है, जिससे स्थिर आय और उत्पादन सुनिश्चित होता है।प्राकृतिक एवं जैविक खेती को अपनाना समय की आवश्यकता।रासायनिक उर्वरकों का नियंत्रित उपयोग और जैविक उपायों का नियमित प्रयोग।आईपीएम तकनीक से कीट प्रबंधन को प्रभावी बनाना।भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड एवं एर्डे एग्रो ईकोसिस्टम प्रा. लि. के मार्गदर्शन का लाभ उठाना।तेजस्वी किसान मार्ट के स्टोर से उपलब्ध जैविक उत्पादों का उपयोग करना।एफपीओ के माध्यम से सामूहिक ज्ञान-विनिमय और सहयोग को बढ़ावा देना।पंजीकृत किसानों को निःशुल्क प्रशिक्षण प्रमाणपत्र एवं ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन सहायता प्रदान की जाएगी।महंत मृत्युंजय दास, भोलेनाथ महतो, रेणु चौरसिया, चंद्रसेन सिंह, दीवान किसान उत्पादक संगठन, हिमांशु चतुर्वेदी, लक्ष्मण सिंह जादौन, मानभूम किसान उत्पादक कंपनी, मुकेश सिंह, प्रकाश प्रसाद, राजन कुमार, रमेश सिंह, रामसेवक कुशवाह, रुपवारा मारवान किसान उत्पादक संगठन, साकिर खान एवं शैलेश कुमार सिंह सहित अनेक प्रतिनिधियों ने सक्रिय सहभागिता की।सभी प्रतिभागियों ने कार्यक्रम के प्रति उत्साह प्रकट किया और प्राकृतिक खेती को अपनाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के अंत में अध्यक्ष ई. प्रकाश पाण्डेय ने सभी वक्ताओं, एफपीओ प्रतिनिधियों एवं किसानों का धन्यवाद ज्ञापित किया तथा उन्हें तेजस्वी किसान मार्ट की आगामी योजनाओं से जुड़ने का आह्वान किया।
