रोहित सेठ
देश को प्रजातांत्रिक स्वरूप देने वाले सभी महापुरुषों को सादर नमन
प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में 75 वा गणतंत्र दिवस बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया काशी। विद्यापीठ के चारों परिसरों एवं छात्र संघ भवन में तिरंगा फहराया गया। विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ नवरत्न सिंह ने बताया कि मुख्य परिसर एवं छात्र संघ भवन में कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी एनटीपीसी परिसर में वित्त अधिकारी श्री संतोष कुमार शर्मा, गंगापुर परिसर में प्रोफेसर अशोक कुमार मिश्र एवं भैरव तालाब परिसर में प्रोफेसर संजय द्वारा तिरंगा फहराया गया।
75 में गणतंत्र दिवस के अवसर पर काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी ने कहा की काशी विद्यापीठ के छात्र और अध्यापक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैल जाए ताकि काशी विद्यापीठ के मूल्य का पूरे देश एवं विदेश में प्रचार और प्रसार हो सके अगर हम ऐसा करने में सफल रहते हैं तब हम अपने विश्वविद्यालय अपने प्रदेश और अपने राष्ट्र की सेवा करने मैं अपना बहुमूल्य योगदान दे पाएंगे। कुलपति ने इस अवसर पर उन सभी महापुरुषों को सादर श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने भारत देश को एक प्रजातांत्रिक स्वरूप बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हित हमारे लिए सर्वोपरि है । हमें राष्ट्रीय एकता की भावनाओं को बढ़ाना है और अपने आप में राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण करना है। हमें अपने अधिकारों के प्रति संघर्षरत अवश्य ही रहना चाहिए परंतु अपने कर्तव्य के प्रति भी हमें जिम्मेदार होना पड़ेगा। काशी विद्यापीठ में इस वर्ष महामहिम राष्ट्रपति और चार अलग-अलग प्रदेशों के राज्यपालों ने शिरकत की है जो काशी विद्यापीठ परिवार के लिए एक गौरवपूर्ण उपलब्धि है । काशी विद्यापीठ पूरे देश में इकलौता ऐसा विश्वविद्यालय है जिसने आजादी की लड़ाई में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । इस संस्था के पुरातन छात्र अध्यापक एवं कुलपति पूरी मानव जाति के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।
काशी विद्यापीठ ने अपने कैंपस में साथ ही साथ अपने सभी संबद्ध कॉलेज में नई शिक्षा नीति का पूर्ण रूप से क्रियान्वयन कर दिया है । नई शिक्षा नीति के अनुरूप ही विश्वविद्यालय में अभी एक बड़ा स्टेडियम , परीक्षा भवन एवं कुछ क्लासरूम से बनाने की योजना भी है। आज महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ कि देशभर में एक पहचान है और आगे हमें इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाना है ताकि हम अपनी संस्था अपने देश का गौरव पुनः प्राप्त कर । सकें।