क्या बरेली हिंसा की साजिश पहले ही रची जा चुकी थी? सामने आए ये सबूत

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

इतना ही नहीं लेटर हेड के जरिए अपील की गई कि मस्जिदों से नमाज पढ़ कर आप सभी अपने-अपने घर चले जाएं, इस्लामिया इंटर कॉलेज मैदान में कोई कार्यक्रम नहीं होगा।

बरेली: बरेली हिंसा को लेकर जैसे-जैसे जांच बढ़ रही है, चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक बरेली हिंसा की साजिश पहले ही रची जा चुकी थी। दरअसल तौकीर रजा की पार्टी इतिहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के लेटरहेड पर 25 सितंबर को एक अपील जारी की गई। इस अपील में साफ-साफ लिखा है कि इस्लामिया इंटर कॉलेज की परमिशन शासन प्रशासन द्वारा नहीं दी गई है और इसी कारण मौलाना तौकीर राजा ज्ञापन खुद सौंपेंगे।

लेटर में शांति की अपील

इतना ही नहीं लेटर हेड के जरिए की गई अपील में यह भी साफ लिखा है कि मस्जिदों से नमाज पढ़ कर आप सभी अपने-अपने घर चले जाएं। इस्लामिया इंटर कॉलेज मैदान में कोई कार्यक्रम नहीं होगा। वहां पहुंचने की जरूरत नहीं है। हमारे शहर में अमन और शांति बनी रहे, यही हम भी चाहते हैं और आप भी इसमें सहयोग करें। ये अपील वाला लेटर जब पुलिस को भी मिला तो पुलिस को भी यही लगा कि अब बरेली में कानून व्यवस्था बनी रहेगी और कोई भी शख्स सड़क पर नहीं उतरेगा।

लेकिन बरेली हिंसा के आरोपी नदीम जिसे बरेली पुलिस ने हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किया है उसने हिंसा से ठीक 1 दिन पहले रात में 1 बजकर 23 मिनट पर वही अपील वाला लेटर इतिहास ए मिल्लत काउंसिल के आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप में भेजा और उसके बाद एक मेसेज भी व्हाट्स ऐप ग्रुप में भेजा।

नदीम ने व्हाट्स एप ग्रुप में क्या लिखा?

नदीम ने लिखा-एक ज़रूरी बात, भाइयों, आपको एक बहुत अहम बात बतानी है। जो लेटरपैड आप देख रहे हैं, यह इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल का लेटरपैड नहीं है। यह पूरी तरह फ़र्ज़ी लेटरपैड है और इस पर सभी दस्तखत भी फर्जी हैं। इस लेटरपैड और उस पर मौजूद दस्तखत का इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) से कोई लेना-देना नहीं है। यह सिर्फ और सिर्फ इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल को बदनाम करने की कोशिश है।असल मकसद यह है कि इत्तेहाद-ए-मिल्लत के बैनर तले होने वाले सरकार-ए-सल्लल्लाहु तआला अलैहे वसल्लम की नामूस के लिए होने वाले एहतजाज को खराब करने की साजिश है और कुछ नहीं।

अगर नदीम ने यह अपील वाला लेटर और मैसेज इत्तेहाद-ए-मिल्लत के व्हाट्सएप ग्रुप में नहीं भेजा होता तो बरेली में 26 सितंबर को सड़कों पर भीड़ जमा नहीं होती और ना ही हिंसा होती लेकिन नदीम के एक मैसेज ने बरेली हिंसा की रूपरेखा तय कर दी।

पूरी तरह से अलर्ट था प्रशासन

हालांकि बरेली पुलिस के पास उपद्रवी और हिंसा से जुड़ी इंटेल LIU, स्टेट LIU, और IB से आ चुकी थी। लिहाजा पुलिस ने बड़ी संख्या में पुलिस बल बरेली में तैनात करके बरेली को छावनी में तब्दील कर दिया था। बरेली को कई सेक्टर में बांट दिया गया था और हर सेक्टर का इंचार्ज एक एडिशनल एसपी रैंक के अधिकारी को बनाया गया था।

इमरान मसूद हाउस अरेस्ट

उधर, इस पर राजनीति भी चरम पर है। बरेली हिंसा के बाद हुई कार्रवाई के विरोध में. बरेली जाने का ऐलान कर चुके कांग्रेस सांसद इमरान मसूद को प्रशासन ने हाउस अरेस्ट कर लिया है। सहारनपुर में कांग्रेस नेता इमरान मसूद के घर के बाहर भारी पुलिस बल की तैनाती की है।

Leave a Comment

और पढ़ें

error: Content is protected !!