विश्वकर्मा महासभा ने पिछड़ों के मसीहा राजनीति की दिशा बदलने वाले बीपी मंडल को जन्म दिवस पर किया याद…

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वाराणसी: ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, जाने माने अधिवक्ता, पिछड़ों के नायक बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद स्वर्गीय बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल को जन्म दिवस पर याद करते हुए भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा स्वर्गीय बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल ऐसे नेता थे, जिन्होंने भारत के राजनीति की दिशा बदल दी, उन्हीं की बदौलत पिछड़ों को सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों के नामांकन में आरक्षण मिला। बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल की अगुवाई में मोरारजी देसाई की सरकार ने 6 सदस्यों के आयोग की घोषणा की थी जिसे मंडल आयोग के नाम से जाना जाता है। बीपी मंडल ने देश भर में पिछड़ों के सामाजिक और शैक्षणिक हालात का जायजा लेने के लिए घूम-घूम कर मंडल आयोग की रिपोर्ट तैयार किया था। मंडल आयोग ने सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक कसौटियों पर तमाम जातियों को परखा और बताया कि देश में कुल 3743 पिछड़ी जातियां हैं। जिनकी संख्या भारत के कुल जनसंख्या में आधे से अधिक है। उन्होंने सिफारिश की थी कि जमींदारी प्रथा को खत्म करने के लिए भूमि सुधार कानून लागू किया जाए क्योंकि पिछड़े वर्गों का सबसे बड़ा दुश्मन जमींदारी प्रथा थी। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा बीपी मंडल ने विशाल आबादी के जीवन में उत्साह का संचार किया और उन्हें राष्ट्र निर्माण के मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया। उनके अंदर बहुसंख्यकों के शोषण और उपेक्षा के खिलाफ आक्रोश की चिंगारी थी। मंडल कमीशन की रिपोर्ट इस चिंगारी का प्रस्फुटन था जो पिछड़े वर्ग के जीवन में उजाले के रूप में स्थापित हुआ। स्वर्गीय बीपी मंडल सामाजिक न्याय के स्वप्न द्रष्टा तथा पिछड़ा वर्ग के मसीहा थे, वह सदैव याद किए जाएंगे।

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