रिपोर्ट पवन जायसवाल
इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा-सूत्र (राखी) बांधती है और उसकी लंबी उम्र, खुशहाली और सुरक्षा की प्रार्थना करती है। भाई भी जीवनभर बहन की रक्षा करने का वादा करता है और उसे उपहार देता है। यह पर्व भावनाओं समर्पण और सुरक्षा की भावना को उजागर करता है


रक्षाबंधन की परंपरा की जड़ें धार्मिक कथाओं में मिलती हैं। मान्यता है कि रक्षाबंधन की शुरुआत स्वयं माता लक्ष्मी ने की थी। उन्होंने वेश बदलकर राजा बलि को राखी बांधी और उन्हें अपना भाई बना लिया। बदले में माता लक्ष्मी ने अपने पति भगवान विष्णु को उनसे वापस ले लिया।राजा बलि ने भगवान विष्णु से वादा लिया था कि वे हमेशा उनके साथ पाताल लोक में रहेंगे लेकिन जब माता लक्ष्मी ने उन्हें राखी बांधी और भाई बनाया तब राजा बलि ने भाई का धर्म निभाते हुए विष्णु जी को उनके साथ जाने की अनुमति दे दी। तभी से रक्षाबंधन एक भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व बन गयाइस वर्ष रक्षाबंधन 9 अगस्त 2025 शनिवार को मनाया जाएगा इस बार सबसे खास बात यह है कि इस दिन भद्रा काल नहीं रहेगा जिससे पूरा दिन राखी बांधने के लिए शुभ माना जा रहा है साथ ही इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं, जो इस पर्व को और अधिक विशेष बना देते हैं। ऐसा संयोग लगभग 40 वर्षों के बाद बन रहा है।
