सत्ता का दुरुपयोग: प्रधान ने पहना फर्जी इंस्पेक्टर का चोला, ज़मीन हड़पने का आरोप।
चंदौली: ग्राम प्रधान का ‘इंस्पेक्टर’ फ़र्ज़ीवाड़ा, धमकाने का ऑडियो वायरल; पुलिस जांच शुरू
चंदौली। उत्तर प्रदेश के चंदौली ज़िले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक जन प्रतिनिधि ने कानून को ठेंगा दिखाते हुए खुद को पुलिस अधिकारी बताकर लोगों को धमकाया। अमोघपुर गाँव के प्रधान सुनील चौहान पर आरोप है कि उन्होंने मोबाइल फ़ोन पर बात करते हुए खुद की पहचान ‘इंस्पेक्टर अलीनगर’ के रूप में दी और नागरिकों पर अनुचित दबाव बनाने का प्रयास किया।प्रधान के इस फर्जीवाड़े का एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो गया है, जिसने ज़िले के प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
जनप्रतिनिधि पर उठे सवाल:
यह चौंकाने वाला घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब कानून-व्यवस्था बनाए रखने में जनप्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। प्रधान द्वारा खुद को पुलिस अधिकारी बताना और लोगों को डराना, जनता के बीच गंभीर चिंता पैदा कर रहा है। सोशल मीडिया पर नागरिक लगातार यह सवाल उठा रहे हैं कि अगर चुने हुए प्रतिनिधि ही नियमों की अनदेखी करेंगे और सरकारी पद का दुरुपयोग करेंगे, तो आम लोगों में कानून का डर कैसे रहेगा?
पुलिस प्रशासन सक्रिय:
मामले की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया है। इस संबंध में क्षेत्राधिकारी (सीओ) कृष्ण मुरारी शर्मा ने पुष्टि की है कि वायरल हो रहे ऑडियो की पूरी तरह से जांच कराई जा रही है।सीओ ने बताया कि पहली नज़र में यह मामला किसी सरकारी पद की फ़र्ज़ी पहचान बनाकर धमकी देने और पद के दुरुपयोग से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जांच पूरी होते ही दोषी व्यक्ति के खिलाफ प्रासंगिक कानूनी धाराओं के तहत तुरंत मुकदमा दर्ज किया जाएगा और कठोर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।पुलिस अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि किसी भी व्यक्ति को कानून से ऊपर नहीं समझा जाएगा। यदि कोई नागरिक, चाहे वह कोई भी पद धारण करता हो, स्वयं को पुलिस अधिकारी बताकर जनता को भ्रमित या प्रताड़ित करने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।यह घटना ज़िले में प्रशासनिक सतर्कता को बढ़ाने वाली साबित हुई है, और स्थानीय लोग इस विषय पर सोशल मीडिया पर ज़ोरदार तरीके से अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं।
