मच्छर जनित रोगों से बचाव हेतु स्कूलों पर छात्र, छात्राओं व नागरिकों को किया गया जागरूक

*25 अप्रैल विश्व मलेरिया दिवस पर फैमिली हेल्थ इंडिया (एम्बेड परियोजना) एवं जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा मच्छर जनित रोगों से बचाव हेतु स्कूलों पर छात्र, छात्राओं व नागरिकों को किया गया जागरूक*

रिपोर्ट विकास तिवारी

मीरजापुर। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. सी.एल वर्मा के निर्देशन व जिला मलेरिया अधिकारी डा. संजय द्विवेदी के मार्गदर्शन में गोदरेज सी एस आर के सहयोग से फैमिली हेल्थ इंडिया एवं जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा संचालित एम्बेड परियोजना के अंतर्गत मच्छर जनित रोगों से बचाव हेतु 25 अप्रैल विश्व मलेरिया दिवस पर जनपद के चिन्हित गाँवों के स्कूलों पर छात्र, छात्राओं व ग्रामीणों को मलेरिया उन्मूलन हेतु फैमिली हेल्थ इण्डिया की टीम के सदस्यों द्वारा मच्छर जनित बीमारियों से बचने के लिए जहां भली-भांति समझाते हुए जागरूक किया गया वहीं मच्छरों के प्रजनन स्रोतों को नष्ट भी कराया गया। इस दौरान बताया गया कि जांच में मलेरिया धनात्मक पाए जाने पर जल्द से जल्द रोगी का नि:शुल्क पूर्ण उपचार हेतु नजदीकी अस्पताल पर भेजा जाना चाहिए। फैमिली हेल्थ इण्डिया के जिला समन्वयक सत्यप्रकाश सिंह द्वारा अवगत कराया गया कि मलेरिया से बचाव के सावधानी बरतने की अति आवश्यकता हैं, लोग लापरवाही कतापी न बरतें किसी को बुखार आये तो तुरंत नजदीकी अस्पताल पर जाएं ससमय इलाज डॉक्टर की देखरेख में कराये, मलेरिया जाचं अवश्य करायें। श्री सिंह का सुझाव हैं कि-

▪️हफ्ते भर में अंडा बन जाता है मच्छर-

मलेरिया का प्रसार मादा एनोफिलीस मच्छर के काटने से होता है। एक अंडे से मच्छर बनने की प्रक्रिया में पूरा एक सप्ताह का समय लगता है। इस कारण सप्ताह में एक बार एंटीलार्वा का छिड़काव किया जाता है। यदि किसी जलपात्र में पानी है तो उसे सप्ताह में एक बार जरूर खाली कर दें। जैसे कूलर गमला टीन का डिब्बाए नारियल का खोल डिब्बा फ़्रिज के पीछे का डीफ्रास्ट ट्रे की सफाई हमेशा करते रहना आवश्यक है। मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति का समय से इलाज शुरू होने पर जान जाने का खतरा कम हो जाता है।

▪️क्या करें-

मलेरिया से बचाव के लिए रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। आसपास दूषित पानी इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए। साफ-सफाई रखनी चाहिए। बुखार होने पर तत्काल आशा से संपर्क करें या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर परामर्श लें। सही समय पर निदान उपचार होने से रोगी पूर्णतः स्वस्थ हो जाता है।

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