बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में कृमि मुक्ति अभियान चलाया गया। इस आशय की जानकारी अर्बन के पंकज कुमार ने दी।

RIPORT VIKASH TIWARI

मिर्जापुर। बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में कृमि मुक्ति अभियान चलाया गया। इस आशय की जानकारी अर्बन के पंकज कुमार ने दी।

 

अर्बन के समन्वयक पंकज कुमार ने बताया कि उस दिन 1 माह से लेकर 19 वर्ष तक के बच्चों व किशोरियों को पेंट के कीड़े की दवा एलबेडाजोल दिया जा रहा है। इसके लिए पूरे जिले में लगभग तेरह लाख बच्चों को चिन्हित किये जाने का काम किया गया है। उसी के तहत शुक्रवार को नगर कके दो इण्टर कालेज के छात्रों को दवा देने का कार्य किया गया। इसके अलावा प्राइवेट स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रो, ईट भठ्ठो और मलिन बस्तियों में रहने वाले बच्चों को यह दवा खिलाने व देने का काम स्वास्थ्य विभाग व बाल विकास विभाग के कर्मचारियों द्वारा किया गया। जो बच्चे दवा खाने से छूट जाते है ऐसे छूटे हुए बच्चों के लिए 05 फरवरी को जनपद में चलाया जायेगा।

 

नोडल अधिकारी डाक्टर मुकेश ने बताया कि यह अभियान विगत कुछ वर्षो से वर्ष में दो बार चलाया जा रहा है। इसके पूर्व लगभग ग्यारह लाख बच्चों को उनके पेट से कीड़े निकालने की दवा खिलाई गई थी। इस बार 01 फरवरी 2024 को स्वास्थ्य विभाग व बाल विकास परियोजना सेवा एवं पुष्टाहार विभाग सामजस्य स्थापित कर बच्चों को कीड़े की दवा खिलाने का कार्य करेगे।

 

उन्होने बताया कि एलबेडाजोल एक कृमि नाशक गोली है। इसको लेने से बच्चों के पेट के कीड़े निकल जाते है। एक से दो वर्ष के बच्चों को आधी गोली पीसकर साफ पानी के साथ देने का परामर्श दिया जाता है। जबकि दो वर्ष से तीन वर्ष तक के बच्चों को एक गोली पीसकर दिया जाता है। तीन वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों को यह कीड़े निकालने वाली दवा को चबाण्चबाकर खाना चाहिए। विद्यालयों में शिक्षको को यह सुझाव दिया गया है कि निर्धारित तिथि को बच्चे कुछ न कुछ घर से खाकर स्कूल आये। इस विषय में अभिभावकों को भी जागरूक किया जाये।

 

जिला कार्यक्रम प्रबन्धक राकेश तिवारी ने बताया कि कीड़े से बच्चों में कुपोषण और खून की कमी होने की सम्भावना होती है। जिसके कारण बच्चे हमेशा थकावट महसूस करते हैं। इस कारण बच्चों का सम्पूर्ण शारीरिक व मानसिक विकास नही हो पाता है। कीड़े से बचने के लिए सावधानी बहुत आसान है। इससे बचने के लिए अपने आसपास सफाई का वातावरण रखा जाना चाहिए। साथ ही साथ खाना खाने से पहले हाथ को साबुन से अवश्य धुलना चाहिए।

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