सनातन धर्म के ज्योतिपुंज महर्षि स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज का निर्माण दिवस

रोहित सेठ

श्री आर्य महिला हितकारिणी महापरिषद, श्री विश्वेश्वर ट्रस्ट सोसायटी, श्री भारत धर्म महामंडल ,श्री महामाया ट्रस्ट समिति, श्री वेणी माधवपुर ट्रस्ट के संस्थापक पूज्यप द महर्षि स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज के 74वें निर्माण दिवस पर विश्व कल्याणर्थ त्री- दिवसीय 5100 श्री हनुमान चालीसा पाठ के पारायण के क्रम में प्रथम दिवस पर 2000 पाठ का प्राण हुआ I द्वितीय दिवस सोमवार को श्री हनुमान जी के पूजन एवं वैदिक ब्राह्मण के पूजन के उपरांत पारायण शुरू हुआ I कार्यक्रम संयोजक सत्यनारायण पांडे, सेक्रेटरी , श्री विश्वेश्वर ट्रस्ट सोसायटी ने धर्म अनुरागियों को संबोधित करते हुए बताया कि स्वामी जी ने संस्कृत ,हिंदी ,अंग्रेजी, बंगाली आदि भाषाओं में लगभग 200 ग्रंथ का प्रणयन किया I इनमें दर्शनों के आविष्कार एवं काव्य टीका आदि सम्मिलित है, परंतु उन्होंने किसी में अपना नाम नहीं दिया I धार्मिक विश्व कोष के समान धर्म कल्पद्रुम नामक ग्रंथ उन्होंने स्वयं प्रणयन किया I उसमें अपने प्रिय शिष्य स्वामी दयानंद जी महाराज का नाम दिया I अंग्रेजी में वंडर्स इंटरनेशनल रिलिजन जिसका जर्मन भाषा में अनुवाद हुआ I उस पर भी स्वामी दयानंद जी महाराज का नाम दिया I लोकेषण स्वामी ज्ञानानंद जी को स्पर्श भी नहीं कर सकती थी I उनके निर्माण दिवस पर श्री हनुमान चालीसा का पारायण किया जा रहा है I जिसमें आतंकवाद, अशांति ,आपसी भाईचारे का अभाव जो विश्व में व्याप्त है उसे विश्व में शांति स्थापना होगा I उनका नश्वर शरीर 28 जनवरी 1951 को शांत हो गया, परंतु उनके विचार तथा उनके द्वारा स्थापित संस्थाएं संस्कार व न बनने तथा भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म के उन्नयन एवं विकास तथा नारी शिक्षा तथा समाज उत्थान के लिए अनवरत प्रयासरत है I
कार्यक्रम में सर्वश्री गोपाल नारायण पांडे, शिवप्रसाद श्रीवास्तव, डॉ0 प्रेम शंकर पांडे, वीरेंद्र नात तिवारी एडवोकेट, अवधेश नारायण सिंह प्रोफेसर शैलेंद्र उपाध्याय, रामजी यादव, शंभू नाथ चतुर्वेदी, सुनील पाठक, मुकेश पाठक, आचार्य अनिल तिवारी, पंडित मुरारी उपाध्याय, पंडित राकेश कुमार पांडे, नीरज पांडे आदि लोग उपस्थित रहे I

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