संपादकीय
उत्तर प्रदेश पत्रकारों से सूत्र पूंछने का अधिकार नहीं है सीजेआई सुप्रीम कोर्ट देश के सर्वोच्च न्यायालय ने एक बार फिर पुलिस प्रशासन एवं प्रशासनिक अधिकारियों को जमकर निशाना साधा और चेतावनी भी दी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि संविधान के आर्टिकल 19 और 22 के तहत पत्रकारों के मूल अधिकारों की स्वतंत्रता के खिलाफ पुलिस किसी भी पत्रकार के सूत्र नहीं पूछ सकती है और न ही न्यायालय तब
तक जब तक कि पत्रकारों के खिलाफ बिना जांच और पुख्ता
सबूत के दर्ज मुकदमे और गवाही की जांच नहीं हो जाती है
आज कल देखा जा रहा है कि पुलिस पत्रकारों की स्वतन्त्रता हनन कर रही है क्योंकि अधिकतर मामले में पुलिस खुद को अच्छा बनाने के लिए ऐसा करती हैं जिस संबंध में उच्च न्यायालय ने अब अपने कडे रूख दिखानें पर कहा है अगर पुलिस ऐसा करतीं पाई जाती है तो फिर कोर्ट की अवमानना का मुकदमा दर्ज किया जा सकता है पत्रकार योग कल्याण समिति के राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने कहा
कि सीजेआई के फैसले का हमारा पूरा संगठन स्वागत
करता है इससे पत्रकार भाइयों को पुलिस द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न पर रोक लग सकता है राष्ट्रीय कार्यकारिणी राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्षा संगीता सिंह, राष्ट्रीय मुख्य महासचिव शिवा कांत पाठक, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शुभम मौर्य एवं राष्ट्रीय सलाहकार पदाधिकारी गण ने सीजेआई के फैसले खूब प्रशंसा की है