खाने पीने के चीजों में मिलावट से शारीरिक परेशानियों के साथ मानसिक परेशानी देखी जा रही है।

खाने पीने के चीजों में मिलावट से शारीरिक परेशानियों के साथ मानसिक परेशानी देखी जा रही है।

रिपोर्ट विकास तिवारी

मड़िहान मिर्जापुर क्षेत्र में खाने पीने के सामाग्रियों में मिलावट को लेकर जनता कहतीं हैं। मिलावट से लोग शारीरिक बीमारियों के साथ मानसिक परेशानियों से जूझ रहे हैं। क्षेत्र में तमाम वगैर लाइसेंस के चल रहे‌ दुध की डेरियां, मावे की दुकानें , मिठाई की दुकानें, खाद्यान्न सामाग्रियों की दुकानें मिलावट से अछूती नहीं है। लोग मिलावटी खाद्य पदार्थ का सेवन करके फ़ुड प्वाइजनिंग का शिकार हो जाते हैं। त्योहारें बितते ही स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों का तादाद बढ़ जाता है। मजबूर जनता त्वहारों पर मिलावटी खाद्य पदार्थ का सेवन करने को मजबूर रहतीं हैं। नतिजा जनता बिमारियों के घेरे में। गैस , उल्टी,दस्त आदि इन बिमारियों के साथ लोग मानसिक बिमारियों से गुजर रहे होते हैं। सर दर्द,उलझन आम बात हो जाती है। ऐसे सभी मामलें को लेकर योगी सरकार मिलावट खोरों के खिलाफ जंग छेड़ते नजर आ रही है। मिलावट के खिलाफ होटलों में छापा,एक हफ्ते में नेम प्लेट लगाने का निर्देश दिया जा रहा है। मिलावट खोरों के खिलाफ कानून पहले से है।बस कार्रवाई करने की जरूरत होती है।वो योगी सरकार बाखूबी कर रही है। भारत में खाने पीने की चीजों में मिलावट करने वालों के खिलाफ 1954 कानून बना,कई वर्षों पुराने इस कानून में मिलावट विरोधी कानून का 1986 में बदलाव किया गया। जिसके जरिए मिलावट के खिलाफ सख्त धाराएं तय करने के साथ ग्राहकों को ज्यादा शक्ति दे दी गई।जब इन सबका फायदा नहीं मिला तो 2006 में फ़ुड सिक्योरिटी स्टैंडर्ड एक्ट बनाया गया इसे 2011 में लागूं किया गया। इसके तहत मिलावट के खिलाफ कानून एफ एस एस ए आई ने कहा मिलावट करने वालों को उम्रकैद तक की सजा होनी चाहिए। साथ ही दस लाख का जूर्माना भी। सुप्रीमकोर्ट भी सरकार को सख्त से सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया।इस संबंध उत्तर प्रदेश सरकार सबसे सख्त कार्रवाई करने का पहल किया। जिसमें कहा गया मिलावट करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जायेगी।इसे मानव हत्या के बराबर जूर्म माना जायेगा। मिलावट करने वालों के उपर गैंगस्टर एक्ट भी लगेगा। ऐसी कानून व्यवस्था होते हुए भी मिलावट खोर मिलावटी खोरी से बाज नहीं आ रहे हैं। मिलावट करने का कोई न कोई तरीका खोज ही ले रहे हैं। जनता फ़ुड प्वाइजनिंग का शिकार होकर अनेकों गंभीर बिमारियों के चपेट में आ रही है। बात करें छोटे कस्बों की यहां मिलावट खोरों पर योगी का हंटर भी नहीं चलता। छोटे कस्बों में फ़ुड अधिकारी मिलावट खोरी के खिलाफ ठीक से सक्रिय होते ही नहीं। जिससे छोटे,छोटे कस्बों में मिलावट खोरों का आज भी बोलबाला है। यहां लोग बिमारियों के गिरफ्त में आ रहें हैं।

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