विश्वविद्यालय परिसर के उत्तरी भाग पंचदेव मन्दिर के समीपवर्ती क्षेत्र में कुलपति के साथ मेयर एवं गणमान्य लोगों ने झाड़ू लगाकर स्वच्छता अभियान को दिया गति—-
रोहित सेठ
पूर्वजों के तपस्थली का श्रद्धा और आस्था के साथ सहयोग का संकल्प– कुलपति प्रो बिहारी लाल.
काशी ज्ञान और साँस्कृतिक राजधानी तो य़ह संस्था भारत, भारती एवं ज्ञान की संवाहिका– कुलपति प्रो शर्मा.
234 वर्षो से इस देव भाषा मंदिर के परिसर में संस्कृत प्राच्यविद्या का संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य किया जा रहा है।ऋषि तुल्य आचार्यों ने अपने तप से इस संस्था के विद्या की रक्षा करते हुये संस्कृत का संरक्षण किया है आज हम सभी अपने पूर्वजों के तप को पूजा के रूप में स्वीकार कर समर्पित भाव से इस संस्था के अनुकूल कार्य करते रहें इसी से भाषा, संस्था और पूर्वजों के प्रति आस्था और श्रद्धा स्थापित होगी।
उक्त विचार सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा के नेतृत्व में वाराणसी के मेयर श्री अशोक कुमार तिवारी के साथ विश्वविद्यालय के पंच मंदिर के सामने झाड़ू लगाकर स्वच्छता अभियान को गति देते हुये व्यक्त किया।
मेयर श्री अशोक कुमार तिवारी ने सहयोग के संकल्प को दुहराया-
कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन से मेयर श्री अशोक कुमार तिवारी सहित शहर के प्रसिद्ध उद्यमियों ने इस संस्था को मंदिर के रूप में स्वच्छता सहित हर सम्भव सहयोग का संकल्प लिया था आज उसी कड़ी में सभी गणमान्य लोगों के साथ उद्यमियों ने स्वंय उपस्थित होकर अपने संकल्प को क्रियान्वित करते हुये परिसर को झाड़ू लगाकर स्वच्छ करते हुए स्वच्छता का संदेश दिया साथ ही अपने संकल्प को पूरा करने भाव भी प्रकट किया।
तालाब के सुन्दरीकरण एवं प्रकाश का लिया संकल्प—
कुलपति प्रो शर्मा ने बताया कि आज काशी दुनिया की साँस्कृतिक राजधानी के रूप में जानी जाती है इसके साथ ही य़ह विश्वविद्यालय भी दुनिया में ज्ञान की संवाहिका है।संस्कृत संस्कार की भाषा है इसके संरक्षण के लिए वाराणसी के मेयर ने परिसर में स्थित तालाब का सुन्दरीकरण के साथ उच्च स्तरीय प्रकाश की व्यवस्था के साथ-साथ हर जरूरत के लिये संकल्पित हैं।
उनके साथ ही सभी गणमान्य लोग एवं उद्यमियों ने भी एक स्वर में सहयोग का संकल्प दुहराया।