संकटमोचक’ की भूमिका में फिर मोदी PM मोदी की चमक के आगे क्षेत्रीय क्षत्रप चारों खाने चित, 2024 के सेमीफाइनल में BJP ने मारी बाजी

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PM मोदी की चमक के आगे क्षेत्रीय क्षत्रप चारों खाने चित, 2024 के सेमीफाइनल में BJP ने मारी बाजीअगले साल देश में आम चुनाव होने वाले हैं। राजनीति पंडितों की माने तो पांच राज्यों में हुए चुनाव को सेमीफाइनल के तौर पर देख रहे थे। ऐसे में एक बार फिर से हिंदी भाषी बहुल राज्य राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में जबरदस्त वापसी कर बीजेपी ने साबित कर दिया है कि उसका कोई तोड़ नहीं है।भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर अपनी बादशाहत कायम की है। लोकसभा चुनाव के नजरिये से तीनों अहम राज्य, मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी बहुमत की ओर बढ़ रही है। आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में लोकसभा की 29, राजस्थान में 25 और छत्तीसगढ़ में 11 सीटें हैं। इन तीनों राज्यों में सत्ता की चाबी मिलने से अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी की दाबेदारी और मजबूत होगी।

इसके साथ यह साबित हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे के आगे कोई क्षेत्रीय क्षत्रप आसपास भी नहीं है। राजस्थान में न जादूगर का जादू चला न ही मध्यप्रदेश में कमलनाथ का कमल खिला। आम लोगों के भरोसा मोदी पर कायम है। इसी का रिजल्ट है कि मध्यप्रदेश में जहां एंटी इनकंबेंसी की बात कही जा रही थी, वहां पर पीएम मोदी के चेहरे ने न सिर्फ सत्ता विरोधी लहर को खत्म करने का काम किया, बल्कि पार्टी को और मजबूत स्थिति में ला दिया है। मोदी ने मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में तबातोड़ रैली कर तमाम कायसों को झुठलाते हुए बीजेपी को तीनों राज्यों में प्रचंड बहुमत की ओर ले जाने का काम किया है। आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस 2018 में 114 सीटें जीतने में कामयाब रही थी, वहीं, 2023 में 69 सीट पर सिमटती लग रही है। दूसरी ओर बीजेपी 158 सीट पर जीत की ओर अग्रसर है। संकटमोचक’ की भूमिका में फिर मोदी
विधानसभा चुनाव होने से पहले जब कयास लगाए जा रहे थे कि मध्यप्रदेश में एंटी इनकंबेंसी कांग्रेस का रास्ता आसान करेगी क्योंकि बीजेपी की ओर से मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करीब 17 साल से मुख्यमंत्री है। इसके चलते जनता में असंतोष है। जनता की नाराजगी का फायदा कांग्रेस को मिलेगा। हालांकि, तब बीजेपी में चाणक्य कहे जाने वाले गृहमंत्री अमित शाह ने न सिर्फ केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव लड़ाने का फैसला किया, बल्कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘संकटमोचक’ की भूमिका में उतरे। उन्होंने राज्य में एक के बाद एक तबातोड़ रैलियां की और जनता को विश्वास दिलाया कि मोदी की गारंटी फेल नहीं होगी। मोदी के चेहरे पर लोगों का भरोसा किया जो बीजेपी के लिए संजीवनी बन गया। सारे चुनावी पंडितों के कायास को पीछे छोड़ते हुए बीजेपी तीनों अहम राज्यों में लैंड सालाइड विक्ट्री की ओर है।

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