सदन में गूंजी, पत्रकारों के हितों की आवाज

 

सदन में गूंजी, पत्रकारों के हितों की आवाज

रिपोर्ट विकास तिवारी

मीरजापुर। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता जगत के समक्ष आ रही विभिन्न समस्याओं के संदर्भ में सदन का ध्यान आकर्षित करते हुए स्नातक खंड विधान परिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा ने कहा कि सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार व अराजक तत्वों के खिलाफ खबरें प्रकाशित करने वाले पत्रकारों के साथ आए दिन हो रहे दुर्व्यवहार, हमले व हत्या तक की घटनाएं अति निंदनीय है।

विधान परिषद में बोलते हुए आशुतोष सिन्हा ने सरकार से “पत्रकार सुरक्षा कानून” बनाए जाने की मांग की, साथ ही पत्रकारों हेतु बीस लाख तक की “कैशलेस चिकित्सा व्यवस्था” व एक करोड़ का जीवन बीमा भी कराए जाने की बात कही। इस संदर्भ में विधान परिषद में नियम – 115 के अंतर्गत दी गई सूचना के तहत एम. एल. सी. आशुतोष सिन्हा ने निर्वहन भत्ता के रूप में नए पत्रकारों को दस हजार रु. मासिक व बीस वर्ष की अवधि तक पत्रकारिता पूर्ण कर चुके वरिष्ठ पत्रकारों को पच्चीस हजार रु. मासिक दिए जाने की बात कही, साथ ही वाराणसी जनपद के सर्किट हाउस में पत्रकारों के प्रवेश पर प्रतिबंध सम्बंधी आदेश देने वाले अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही किए जाने की मांग की।

इस अवसर पर उन्होंने पत्रकारों हेतु विकास प्राधिकरण व आवास विकास परिषद द्वारा “नो प्रॉफिट नो लॉस” के आधार पर भवन/प्लॉट देने की बात करते हुए राज्य सरकार व केन्द्र सरकार की अन्य विभिन्न योजनाओं से भी पत्रकारों को आच्छादित किए जाने की मांग रखी। उक्त जानकारी विधान परिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा के प्रतिनिधि डॉ. शक्ति श्रीवास्तव ने दी है।

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