टीवी चैनलों के स्व-नियमन को मजबूत करने के लिए दिशानिर्देश जारी करेगा SC

कहा ₹ 1 लाख का जुर्माना अप्रभावी

नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि टेलीविजन चैनलों का स्व-नियमन अप्रभावी साबित हुआ है और अदालत टीवी चैनलों के विनियमन को मजबूत करने के लिए दिशानिर्देश जारी करेगी।

भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि जब तक नियमों को सख्त नहीं बनाया जाता, तब तक टीवी चैनलों पर इसका पालन करने की कोई बाध्यता नहीं है.

सीजेआई चंद्रचूड़ ने पूछा, “आप कहते हैं कि टीवी चैनल आत्मसंयम बरतते हैं. मैं नहीं जानता कि अदालत में कितने लोग आपसे सहमत होंगे. एक चैनल एक दिन में कितना कमाता है. जब तक आप नियमों को सख्त नहीं बनाते, किसी भी टीवी चैनल पर इसका पालन करने की कोई बाध्यता नहीं है. किसी भी उल्लंघन के लिए अगर एक लाख का जुर्माना है तो उन्हें कौन रोकता है ?”

कोर्ट ने टिप्पणी की, “हम ढांचे को मजबूत करेंगे. हमने अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दिशानिर्देश देखे हैं. हम बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले में बदलाव करेंगे. लेकिन अब हम नियमों को मजबूत करेंगे.”

न्यायालय ने एनबीए दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए समाचार चैनलों पर लगाए गए ₹ 1 लाख के वर्तमान जुर्माने पर सुझाव मांगे।

पीठ ने अपने आदेश में आगे कहा, “इस न्यायालय को इस बात पर विचार करना होगा कि क्या स्व-नियामक तंत्र तैयार करने के लिए उठाए गए कदमों को ढांचे के संबंध में मजबूत करने की आवश्यकता है.”

कोर्ट ने न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अरविंद दातार को टीवी चैनलों के स्व-नियमन पर जस्टिस एके सीकरी और आरवी रवींद्रन से सुझाव मांगने का भी निर्देश दिया।

पीठ ने निर्देश दिया, “श्री दातार जस्टिस सीकरी और रवीन्द्रन से सुझाव मांगेंगे ताकि इसे अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया जा सके. केंद्र को इसका जवाब दाखिल करना होगा.”

न्यायालय बॉम्बे उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ एनबीए द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई कर रहा था जिसमें टीवी चैनलों के स्व-नियमन में कमी के बारे में प्रतिकूल टिप्पणियां शामिल थीं।
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