रिश्वत मामले में आदिवासी विकास विभाग के पूर्व कर्मचारी को चार वर्ष की सजा

रतलाम | भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष

न्यायालय ने अपने ही विभाग के कर्मचारी से पांच हजार

रुपये की रिश्वत लेने के मामले में दोषी पाए जाने पर

आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त कार्यालय

में पदस्थ रहे कर्मचारी (सहायक ग्रेड-2) 66 वर्षीय

रामलाल मालवीय पुत्र भेरूलाल मालवीय निवासी ग्राम

करिया (सैलाना) को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की

धारा में चार वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। उस

पर एक हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया । फैसला

गुरुवार को विशेष न्यायाधीश संतोष कुमार गुप्ता ने

सुनाया। अभियोजन के अनुसार गजेंद्र ररोतिया पुत्र

मदनलाल ररोतिया निवासी जावरा ने 22 अगस्त 2013

को लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन जाकर लिखित शिकायत

की थी कि उसके पिता माध्यमिक विद्यालय पहाड़ी

बंगला, सैलाना में शिक्षक थे। उनका 15 अप्रैल 2010

को निधन हो गया था। पिता के स्थान पर उसने अनुकंपा

नियुक्ति के लिए 17 जून 2010 को आवेदन दिया था।

तत्कालीन सहायक आयुक्त मधु गुप्ता उसकी अनुकंपा

नियुक्ति के लिए अपने अधीनस्थ कर्मचारी (लिपिक)

रामलाल मालवीय के माध्यम से 15 हजार रुपये मांग रही

है। तत्कालीन डीएसपी पदमसिंह बघेल ने रिश्वत की मांग

की पुष्टि करने के लिए गजेंद्र को रिश्वत संबंधी वार्तालाप

रिकार्ड करने के लिए शासकीय डिजिटल वाइस रिकार्डर

देकर रामलाल मालवीय के पास भेजा था। गजेन्द्र ने

रामलाल मालवीय से चर्चा कर बातचीत रिकार्ड कर

रिकार्डर वापस लोकायुक्त कार्यालय जाकर सौंप दिया

था। रामलाल ने पांच हजार रुपये रिश्वत लेने की बात की

थी। इसके बाद लोकायुक्त ने रामलाल को रिश्वत लेते

पकड़ने की योजना बनाई थी। योजना के तहत 24

अगस्त 2013 को दोपहर 12.45 बजे लोकायुक्त का दल

जिला न्यायालय स्थित सहायक आयुक्त कार्यालय के

आसपास आकर रुका था। गजेंद्र आदिवासी विकास

विभाग कार्यालय में गया था। रामलाल उसके साथ बाहर

आकर पास में स्थित एक होटल पर चाय पीने गए थे। वहां

गजेंद्र ने रामलाल को पांच हजार रुपये रिश्वत के दिए थे।

रामलाल ने रुपये लेकर पेंट की जेब में रख लिए थे। कुछ

देर बाद वह कार्यालय में पहुंचा तभी दल ने उसे वहां

जाकर पकड़ा था व उसकी जेब से रिश्वत के रुपये जब्त

किए थे। लोकायुक्त ने रामलाल मालवीय के खिलाफ सात

मार्च 2014 को न्यायालय में अभियोग-पत्र पेश किया

था। प्रकरण में शासन की तरफ से विशेष लोक

अभियोजक रोजर चौहान ने की ।

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