मड़िहान, दुनिया भर में सेवा ,व इमानदारी का कोई प्रतीक नहीं। इमानदार अधिकारी को इनाम के जगह जिल्लत मिलती है।
रिपोर्ट विकास तिवारी
मड़िहान मिर्जापुर क्या आपने सोचा है जनता के लिए जी जान से काम करने ,व इमानदारी का प्रतीक कुछ होता है। नहीं दुनिया भर में इमानदारी का कोई प्रतीक नहीं होता। शांति का प्रतीक, क्रांति का प्रतीक लोग जानते हैं। लेकिन इमानदारी का प्रतीक कोई नहीं जानता क्योंकि इमानदारी का कोई प्रतीक बना ही नहीं। इमानदारी की सजा मिलती है। बात करें मड़िहान तहसील के वर्तमान तहसीलदार लालता प्रसाद की इनकी गिनती बेहद सक्रिय ,काम करने वाले अधिकारियों में की जा रही है। मड़िहान तहसील के तहसीलदार लालता प्रसाद उस समय सुर्खियों में आ गये। जब तसीलदार न्यायालय में वर्षों से चल रहे मुकदमों की सुनवाई कार्यभार संभालते ही शुरू कर दी। ज्यादातर मुकदमों का निपटारा कर दिया। जनता की सेवा के उद्देश्य से हर समस्यायों का निस्तार मौके पर पहुंचकर करने वाले अधिकारी बन गये। स्थली निरीक्षण इनके कार्यशैली के सिद्धांतों में बेशुमार शामिल होने लगा। जनता के समस्यायों का संपूर्ण समाधान करने लगे। तहसीलदार का कार्यभार महज 4 महीने पहले संभालने वाले ये अधिकारी तहसील के लिए अद्भुत कार्य करने लगे।क्षेत्र में काम करने वाले अधिकारियों में इनकी गिनती की जा रही है। जिस अधिकारी को इनाम मिलनी चाहिए। उसे विवादों में घेरा जाता है। जनता की सेवा में बाधा डाला जाता है।इसे क्या कहें इमानदारी की सजा या इमानदार अधिकारी के कार्यशैली में रूकावटें।