। रिपोर्ट विकास तिवारी मड़िहान मिर्जापुर मड़िहान में किसानों की हाल बेहद बदहाल है । कैसे पार होगी किसानों की कर्ज की नैया । क्या कर्ज माफी चुनावों तक सिमट कर रह जायेंगी। गौरतलब हो कि मड़िहान क्षेत्र के किसानों पर नेशनलाइज्ड बैंक लगातार शिकंजा कसते दिखाई दे रहें।क्षेत्र के किसान राम दुहाई करते भाग रहे हैं। बैंकों के कहर से कौन उबारे नैया। किसानों को अपना पक्ष रखने का मोका भी नहीं दी जा रहा है। विगत एक दिन पहले बुधवार को क्षेत्र के प्रतिष्ठित किसानों के घर वगैर सूचना के बकाया वसूली के हेतु राजस्व टीम , इंडियन बैंक प्रबंधक जा धमके। बताया जाता है कि एकाएक राजस्व अधिकारियों बैंक कर्मियों को अपने द्बवार पर देख दोनों प्रतिष्ठित किसान सदमे से भर गये।एक किसान ने बताया लोन कामधेनु योजना के तहत लिया गया था पूर्व सरकार इस योजना के लाभार्थियों के लिए 33% छूट की प्रावधान रखी थी।इस छूट की माग के लिए न्यायालय का शरण लिया गया है। लेकिन बैंकों को न्यायालय के फैसले आने तक का इंतजार नहीं किया जा रहा है। किसान ने बताया कि मड़िहान इंडियन बैंक के द्बारा उसके साथ घोर लापरवाहियां भी की गई। लिये गये केसीसी का कर्ज पुरा ,पुरा अदा करने के बाबजूद भी केसीसी खाते में नहीं डाला गया। जिससे बैंक के घोर लापरवाहियों के कारण उसकी सिबिल घटकर 5 % पर आ गया। वहीं इस संबंध में मड़िहान इंडियन बैंक प्रबंधक के द्बारा हवाला दिया गया है कि केसीसी ऋण का पैसा किसान के द्बारा सेविंग अकाउंट में डाला गया था। केसीसी एकाउंट में ट्रांसफर कर देने के लिए सूचना नहीं मिली थी।गौर करने की बात है कि बैंक कर्ज वसूली करने वहां पहुंच जाता हैं। जहां ग्राहकों के मान सम्मान पर बुरी तरह ठेस पहुंची है। सम्पतियो की नीलामी कर कर्ज वसूली की जाती है। उसी बैंक के सेविंग अकाउंट में केसीसी कर्ज धारक के खाते में जमा पैसे पर ध्यान क्यो नही गया। दूसरे किसान ने बताया कि विगत एक वर्ष से पिता का सांया सर से उठ गया है। मृतक पिता ने कर्ज लिया था। हम लोगों पर घर चलाने का भार है। जल्द से जल्द कर्ज अदा कर देंगे। राजस्व विभाग व बैंक कर्मियों के द्बारा कर्ज वसूली हेतु क्षेत्र में आकस्मिक दौरे को लेकर दहशत है।