अलंकार प्रोजेक्ट योजना मुख्यमंत्री एवं शासन की महत्वाकांक्षी ड्रीम प्रोजेक्ट से ऐडेड कालेजों के जीर्ण भवन निर्माण में सहायक होगी-विशाल कुमार

रिपोर्ट विकास तिवारी

*अलंकार प्रोजेक्ट योजना में तीन सौ से दो हजार से अधिक छात्र संख्या वाले कालेजो को अलग अलग धनावंटन का प्रावधान -आर के दीक्षित*मिर्जापुर 29 नवम्बर। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 75 वर्ष पुराने विद्यालयो के जीर्ण भवन को पुनर्निर्माण कराने के लिए वृहद महत्वाकांक्षी परियोजना अलंकार प्रोजेक्ट योजना को तैयार किया है। उससे सम्बन्धित कालेजों को जीर्ण भवन को निर्माण करायें जाने के लिए यह योजना का शुभारंभ 2023 से किया गया है।उक्त परियोजना के लिए जिलाधिकारी ने जिले के कालेजों के प्रवंधको एवं प्रधानाचार्यो की एक संयुक्त बैठक जिलाधिकारी सभाकक्ष में आयोजित किया गया।उक्त बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य विकास अधिकारी विशाल कुमार ने प्रवंधको एवं प्रधानाचार्यो को शासन के इस ड्रीम प्रोजेक्ट योजना के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि शासन की मंशा है कि जिले के ऐसे विद्यालय जिनकी मान्यता वर्ष 2023 में 75 वर्ष पुराने हैं अथवा दो तीन वर्ष में 75 वर्ष होने वाले हैं और उनकी विल्डिंग जीर्ण अवस्था में है तो तो उनको अलंकार प्रोजेक्ट योजना के लिए आने लाईन आवेदन पत्र भरना होगा उनके औपचारिकता पूरी होने पर उन्हें इस शर्त पर 25 प्रतिशत सम्वन्धित कालेजों के प्रवंध समितियों को देय होगा जिसके लिए वह दान अनुदान से उक्त धनराशि प्राप्त कर सकती है, ऐसे विद्यालयों को को अलंकार प्रोजेक्ट योजना में चयनित किया जायेगा। उन्होंने ने कहा कि उसकी मानिटरिग के लिए जिलाधिकारी के अध्यक्षता में एक समिति गठित की जायेगी जिसमें लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर जिला विद्यालय निरीक्षक आदि की टीम गठित होगी। उसी तरह तहसील स्तरीय समिति उपजिलाधिकारी तहसीलदार एवं एक इंजीनियर आदि के देखरेख में कमेटी गठित होगी जो उक्त प्रोजेक्ट की निगरानी कर रिपोर्ट जिला कमेटी को सौंपेगी।जिला विद्यालय निरीक्षक राज कुमार दीक्षित ने कहा कि शासन की महत्वाकांक्षी परियोजना अलंकार प्रोजेक्ट योजना में उक्त निर्माण के लिए आरम्भिक मानक कमसे कम 300 छात्र से 500 छात्र संख्या वाले कालेज को 25 लाख रुपए 501 से 1000 छात्र संख्या वाले विद्यालय को 50 लाख रुपए,1 हजार 1 से 15 सौ छात्रों की संख्या वाले कालेज को 75 लाख रुपए, जबकि 1501 छात्र संख्या से 2000 तक छात्र संख्या वाले कालेज को एक करोड़ रुपए और 2 हजार 1 छात्र संख्या से अधिक छात्र संख्या वाले कालेजो को 1 करोड़ 25 लाख रुपए तक उक्त परियोजना में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि कार्यदाई संस्था का चयन प्रवंध समिति स्वयं हो सकती है अथवा निर्माण इकाई को निर्धारित कर सकती हैं। उक्त अवसर पर उतर प्रदेश विद्यालय प्रवंधक महासभा रजि के जिला अध्यक्ष एवं बापू उपरौध इण्टर मीडिएट कालेज लालगंज के प्रवंधक बतौर उपस्थित शशि भूषण दूबे कंचनीय ने सुझाव दिया है कि संस्कृत विद्यालयो की भांति हमारे ऐडेड विद्यालयो से भी 10 प्रतिशत संचित धन कराया जाय। और कार्यदाई संस्था कालेज प्रवंध समितियों को भी बनाया जाये। जिससे विल्डिंग निर्माण की गुणवत्ता कारगर बन सके। बापू उपरौध इण्टर मीडिएट कालेज लालगंज के ही प्रधानाचार्य डा धर्मजीत सिंह ने भी सुझाव दिया कि हमारा विद्यालय अभी उस शर्त के अनुरूप 75 वर्ष की जगह 72 वर्ष मान्यता अवधि से हो रही है उनके सवाल के जबाब में मुख्य विकास अधिकारी श्री विशाल कुमार ने कहा कि आप भी आनलाइन आवेदन करे निकट भविष्य में अथवा शासन के क्राईटेरिया के आधार पर प्राथमिकता दिया जा सकता है, उन्होंने कहा कि इस योजना में स्वीकृत कालेज के धनराशि के ड्राइंग यथार्टी जिला विद्यालय निरीक्षक, सम्वन्धित कालेजों के प्रवंधक एवं वित्त एवं लेखाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से धन विड्रॉल किये जाने का प्रावधान है। बसंत विद्यालय इण्टर कालेज मिर्जापुर के प्रधानाचार्य श्री चतुर्वेदी ने विस्तार पूर्वक अपने द्वारा आनलाइन आवेदन को सीडीओ के समक्ष प्रस्तुत किया। उधर नगरपालिका इण्टर मीडिएट कालेज अहरौरा के प्रधानाचार्य ने भी अपने समस्या एवं आवेदन पर प्रकाश डाला। जबकि जनता इण्टर मीडिएट कालेज बरेवा के प्रधानाचार्य डा संतोष कुमार सिंह ने अलंकार प्रोजेक्ट योजना के कुछ कठिनाइयो पर सीडीओ का ध्यान आकर्षित किया जिस पर वह डीआईओएस को संदर्भित किया।

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