मादक पदार्थों का सेवन करने वालों में नाबालिगों की बढ़ती संख्या अति चिंता जनक ।
रिपोर्ट विकास तिवारी
मड़िहान मिर्जापुर मड़िहान तहसील क्षेत्र अंतर्गत मादक पदार्थों की सेवन करने वालों की संख्या अधिक से अधिक तो देखी ही जाती थी।अब क्षेत्र के नाबालिगों में मादक पदार्थों के सेवन की लत बहुत ज्यादा बढ़ती देखीं जा रही है। चट्टी चौराहों पर 10 से 17 साल के बच्चे कैसे गांजे की कस लगाते देखें जा रहें। जिन्हें नसें से मुक्त कराने की जरूरत है। लेकिन उन्हें बिना रोक टोक लगाये कैसे गांजे व शराब का सेवन करने दिया जा रहा है। देश के भविष्य कहें जाने वालें नौनिहालों के साथ घोर लापरवाहियों का कौन जिम्मेदार है। पहले अभिवावकों को जिम्मेदार कहा जा सकता है। अपने बच्चों की खोज खबर नहीं है। दुसरे पर पुलिस प्रशासन है। किशोरों को इतनी आसानी से मादक पदार्थ गांजा व शराब , हिरोइन कौन अपलब्ध करा है।क्षेत्र में मादक पदार्थों का बड़ा खेप जरूर आ रहा है। तब तो इतने आसानी से चट्टी चौराहों पर मादक पदार्थ उपलब्ध हो जा रहा है। अपने किशोरों में नसें के लतों से आजिज होकर ग्रामीणों ने बताया कि मादक पदार्थों में गांजे की बिक्री क्षेत्र के हर चट्टी चौराहों पर बड़े आसानी से प्राप्त हो जाता है। गांजे के तस्कर नाबालिगों को भी गांजे की बिक्री करने में परहेज नहीं करते हैं । जिससे नाबालिगों में मादक पदार्थों की सेवन करने की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है ।उनका जीवन अधर में लटकता चला जा रहा है। क्षेत्र में पटेहरा कलां, से कलवारी , मड़िहान के बाजारों में गांजे की बिक्री देखी जाती है। ग्रामीणों ने यहां तक बताया कि क्षेत्र में कच्ची शराब की भट्टीयां भी फल फुल रहीं हैं। इसे क्या कहें लापरवाहियां या मिली भगत।इसी के चलते किशोरों में नसें की लत के कारण सर्वे में आया है कि सबसे बड़े प्रदेश, उत्तर प्रदेश में नसें के आदी लोगों की संख्या में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी आ रही है। उन्हें नसें से मुक्त कराने की जरूरत है। उत्तर प्रदेश के बच्चों में भी नसें की लत काफी बढ़ता जा रहा है।अब तक के सर्वे के मुताबिक उत्तर प्रदेश में शराब व गांजे के सेवन करने वालों में किशोरों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे लोगों को प्राब्लम यूज़र कहा जाता है। सरकार को, किशोरों से, नसें से मुक्त कराने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए