नवजात की सही देखभाल बनाए बचपन खुशहाल
रिपोर्ट विकास तिवारी
. पहले घंटे जरूर कराओ स्तनपान सुरक्षित होगी बच्चे की जान
. 15 से 21 नवम्बर तक मनेगा नवजात शिशु देखभाल सप्ताह
मिर्जापुर। नवजात की समुचित देखभाल उसके बचपन को खुशहाल बनाने के लिए बहुत ही जरूरी होती है । इसके अलावा शिशु मृत्यु दर को भी कम करने में इसकी बड़ी भूमिका है । इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश भर में 15 नवम्बर से शुरू नवजात शिशु देखभाल सप्ताह 21 तक मनाया जाएगा। इस दौरान शिशुओं को स्वस्थ बनाने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबन्धक अजय सिंह ने बताया कि सूबे के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर नवजात शिशु देखभाल सप्ताह की प्रमुख गतिविधियों और जागरूकता कार्यक्रमों के बारे में जरूरी दिशा.निर्देश जारी किया है । सप्ताह के दौरान जनसामान्य को नवजात शिशु स्वास्थ्य के साथ बेहतर देखभाल के बारे में जागरूक किया जाएगा । कंगारू मदर केयर और स्तनपान को बढ़ावा देने के साथ ही बीमार नवजात शिशुओं की पहचान के बारे में भी जागरूक किया जाएगा । इसके अलावा सरकार द्वारा चलाये जा रहे बाल स्वास्थ्य कार्यक्रमों के बारे में भी सभी को अवगत कराया जाएगा और इस दिशा में स्वैच्छिक संस्थाओं की भी मदद ली जायगी ताकि शिशु मृत्यु दर में कमी लायी जा सके ।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर सी0एल0 वर्मा ने बताया कि पत्र के मुताबिक़ नवजात शिशु की आवश्यक देखभाल के लिए जरूरी है कि प्रसव चिकित्सालय में ही कराएं । प्रसव के बाद 48 घंटे तक माँ एवं शिशु की उचित देखभाल के लिए चिकित्सालय में रुकें । नवजात को तुरंत न नहलायें केवल शरीर पोंछकर नर्म साफ़ कपड़े पहनाएं । जन्म के एक घंटे के भीतर माँ का गाढ़ा पीला दूध पिलाना शुरू कर दें और छह माह तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराएं । जन्म के तुरंत बाद नवजात का वजन लें और विटामिन के का इंजेक्शन लगवाएं । नियमित और सम्पूर्ण टीकाकरण कराएँ । नवजात की नाभि सूखी एवं साफ़ रखेंए संक्रमण से बचाएं और माँ व शिशु की व्यक्तिगत स्वच्छता का ख्याल रखें । कम वजन और समय से पहले जन्में बच्चों पर विशेष ध्यान दें और शिशु का तापमान स्थिर रखने के लिए कंगारू मदर केयर ;केएमसीद्ध की विधि अपनाएँ । शिशु जितनी बार चाहे दिन या रात में बार.बार स्तनपान कराएं । कुपोषण और संक्रमण से बचाव के लिए छह महीने तक केवल माँ का दूध पिलाएंए शहदए घुट्टीए पानी आदि बिल्कुल न पिलाएं ।
सप्ताह के मुख्य उद्देश्य
जिला मातृ स्वास्थ्य सलाहाकार दिनकर लाल ने बताया कि नवजात शिशु की आवश्यक देखभाल करने के बारे में जनसमुदाय को जागरूक कर नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी लानाए जन्म के तुरंत बाद स्तनपान, छह माह तक केवल स्तनपान और छह माह के बाद ऊपरी आहार देकर बच्चों को सुपोषित बनाना और शिशुओं का समय से नियमित टीकाकरण कराना आदि के बारे में विधिवत जानकारी देना नवजात शिशु देखभाल सप्ताह का प्रमुख उद्देश्य है ।
सप्ताह की प्रमुख गतिविधियाँ –
जनपद स्तर पर सेमिनार और कार्यशाला आयोजित कर नवजात शिशु की बेहतर देखभाल के बारे में प्रस्तुतिकरण किया जाएगाए प्राइवेट नर्सिंग होमध्क्लीनिक को भी समुचित जानकारी प्रदान कर जरूरी सहयोग लिया आएगाए स्वस्थ शिशु प्रतियोगिताएं ;हेल्दी बेबी शोद्ध आयोजित होंगीए चिकित्सालय के वार्ड में नवजात शिशु की देखभाल सम्बन्धी प्रचार.प्रसार सामग्री लगायी जायेगीए स्तनपान सम्बन्धी वीडियो प्रसवोपरांत महिलाओं को दिखाई जायेगी। इसके अलावा मदर्स बैठकों और ग्राम स्वास्थ्यए स्वच्छता एवं पोषण समिति की बैठकों में मुख्य रूप से नवजात शिशु के बेहतर देखभाल पर चर्चा होगी । आशा कार्यकर्ताओं द्वारा भी गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल के दौरान स्तनपान का सही तरीका और क्यों जरूरी है के बारे में गर्भवती और धात्री महिलाओं को बताया जाएगा ।