डेंगू के वार्निंग सिग्नल पहचानें, खुद को बचा सकते हैं गंभीर होने से – सीएमओ
रिपोर्ट विकास तिवारी
शरीर पर लाल दाने, बार-बार उल्टी, पेशाब-मल में खून, 12 घंटे से अधिक पेशाब न आने, पेट दर्द, सांस लेने में तकलीफ, झटका, बेहोशी के लक्षण दिखे तो हो जाएं सतर्क
मीरजापुर
डेंगू सामान्य बुखार की ही तरह है। सात से 10 दिन में अपने आप ठोक हो जाता है। गंभीर होने से पहले यह बार्निंग सिग्नल देता है। बस उसे पहचानने की जरूरत है। लिहाजा सतर्क और सावधान रहें। आप डेंगू से बचे रहेंगे।
डेंगू के लिए अनुकूल मौसम चल रहा है। मरीज भी लगातार आ रहे हैं लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। मच्छर के काटने से होने वाली इस बीमारी से भारत में मरने वाले एक फीसदी में भी कम हैं लेकिन जानकारी का अभाव, लापरवाही व वार्निंग सिग्नल को अनदेखा करना और अपने मन से दवाओं का सेवन इस बीमारी को गंभीर बना सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक पांच प्रतिशत रोगी ही गंभीर डेंगू हैमरेजिंग व डेंगू जाक सिंड्रोम में परिवर्तित होते हैं। बाकी 95 प्रतिशत सात से आठ दिन में ठीक हो
जाते हैं। सामान्य डेंगू बुखार गंभीर में परिवर्तित होने के संकेत देख है। एक्सपर्ट ने बताया कि शरीर के किसी हिस्से में लाल दाने दिखें, हरीर के किसी हिस्से में खून आए, बार बार उल्टी, पेशाब-यल में खूल आए, 12 घंटे से अधिक पेशाब न आए, पेट दर्द, सांस लेने में तकलीफ, छटका, बेहोशी, हाथ-पैर का ठंडा पड़ जाने के लक्षण दिखें तो बिना एक पल गंवाए फौरन पास के अस्पताल में
मरीज को भर्ती कराएं। सही समय पर इलाज मिल जाने पर इस तरह के रोगी 24 से 48 घंटे में ठीक हो जाते हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ छोटेलाल वर्मा ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क जांच व इलाज की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा 108 में एंबुलेंस को सेवा उपलब्ध है। मरीज डेंगू के लक्षण बाता हो तो एंबुलेस बुलाकर पास के सरकारी अस्पताल में भर्ती हो। उन्होंने अपील की कि डेंगू के लक्षण बाला प्रत्येक मरीज जल्द से जल्द जांच कराए। इससे आपको तो समय में इलाज मिल ही जाएगा। साथ ही समाज में इसका प्रसार भी रोका जा सकेगा। डॉ वर्मा ने बताया कि सामान्यतः डेंगू का बुखार तीन से सात दिन में उतर जाता है लेकिन आगे के कुछ दिन भी सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि शरीर में पानी व नमक को कमी कतई नहीं होने देनी चाहिए।
इन्हें खतरा ज्यादा
जिन्हें पहले हो चुका हो शिशु व 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे खासतौर पर कुपोषित बच्चे 65 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग, मोटे लोग
गर्भवती महिलाएं मासिक धर्म चल रहा हो जिनका
हाई बलड प्रेशर, चावबिटीज अग्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोग
ये बिल्कुल न करें
■ अपने मन से कोई भी दवा न लें • प्लेटलेट बढ़ाने के लिए सोशल
डेंगू से बचने के आसान उपाय
अपने आसपास की जगह को साफ रखें। कुलर, टायर या कबाड़ सामान में पानी जमा न होने में पूरी आस्तीन के कपड़े पहने
मच्छरदानी लगाकर सोएं
कीटनाशक का छिड़काव कराएं