28 महीने बाद केंद्रीय मंत्री ने स्वीकार किया कि मेरे संसदीय क्षेत्र में टोल प्लाजा के नाम पर मची हैं लूट

28 महीने बाद केंद्रीय मंत्री ने स्वीकार किया कि मेरे संसदीय क्षेत्र में टोल प्लाजा के नाम पर मची हैं लू- ——————————————–

 

रिपोर्ट विकास तिवारी

जिले में टोल प्लाजा के नाम पर मची लूट को अंतत: केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल जी ने 28 महीने बाद स्वीकार कर लिया । इस लिए उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को पत्र लिखकर एक टोल प्लाजा को हटाए जाने की मांग की है । उन्होंने लिखा है कि 22 किमी के अंतराल को एक ही मार्ग पर दो टोल प्लाजा से वसूली नियम के विरुद्ध हैं। प्लाजा पर फास्ट टैग न होने से अनियमितता की जा रही है।

 

जिले की विभिन्न समस्याओं के साथ ही टोल प्लाजा के नाम पर जनता के साथ धोख़ा और लूट पर राष्ट्रवादी मंच के कार्यर्ताओं के साथ मैं जिलाधिकारी से मुलाकात कर 3 जुलाई को 5 सूत्री मांग पत्र सौपा था।

 

जिले में एक ही मार्ग पर करीब 15 किमी के बीच वाहनों से टोल प्लाजा पर वसूली के बजाय जिले के वाहनों को टैक्स फ्री किए जाने की मांग भी किया था ।

कहा था कि 10 मार्च 2022 से अस्थायी के नाम पर टोल टैक्स की वसूली करने वाले कौन है। इसकी जांच होनी चाहिए।

लंबे समय के बाद अपनी झूठ और लूट से खिसकते जनाधार को बचाने के लिए मुख्य मंत्री को पत्र लिखगया है।

जन सेवा और विकास का दंभ भरने वाली सांसद सड़क पर मची लूट की ओर से आँख कान बंद कर रखी है। विभिन्न संगठन टोल प्लाजा को लेकर आंदोलन करते रहे। किसानों ने 77 दिन तक धरना प्रदर्शन किया। इसके बावजूद कोई भी एक्शन नहीं लिया गया।

 

प्लाजा के नाम पर जिले में करीब 28 माह तक दिन रात बिना फास्ट टैग के वसूली करने वाले आखिर कौन लोग थे। वह किसके इसारे पर किसके लिए लूट कर रहे थे। इसकी जाँच होनी चाहिये।

 

क्षेत्रीय सांसद केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल जी का मैं आभार व्यक्त करताहूँ कि जिले में जनता से लूट का खेल चल रहा हैं यह उनको एहसास हुआ। जिसे उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अनियमितता को स्वीकार किया हैं। आखिर जिले में कानून के बजाय जंगल राज किसके इशारे पर कायम हुआ इसकी जांच होनी चाहिए ।

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