चंद्रयान-4, शुक्रयान-1, मंगलयान-2… मोदी 3.0 में लॉन्च हो रहे ये 5 मिशन. अंतरिक्ष में छा जाएगा भारत!

चंद्रयान-4, शुक्रयान-1, मंगलयान-2… मोदी 3.0 में लॉन्च हो रहे ये 5 मिशन. अंतरिक्ष में छा जाएगा भारत!

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार देश की बागडोर संभाल ली है. इसे मोदी 3.0 कहा जा रहा है. मोदी 3.0 में अंतरिक्ष सेक्टर पर खासा जोर रहेगा. हो भी क्यों, पीएम मोदी के पिछले दो कार्यकालों में स्पेस सेक्टर ने कई ऊंचाइयां छुई हैं. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चंद्रयान-3 ने भारत को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला देश बनाया. हमने सूर्य की स्टडी करने के लिए L1 बिंदु पर ‘आदित्य’ स्पेसक्राफ्ट भेजा है. मोदी 3.0 के आगामी पांच सालों के दौरान, ISRO कई बड़े मिशन लॉन्च करने वाला है.

 

NISAR मिशन : अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA और ISRO का यह संयुक्त मिशन इसी साल लॉन्च को तैयार है. NISAR का फुल फॉर्म NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar है. एडवांस्ड रडार तकनीक के जरिए यह मिशन धरती के पारिस्थितिकी तंत्रों, बर्फ के द्रव्यमान और प्राकृतिक आपदाओं का अध्ययन करेगा. NISAR से हमें जलवायु परिवर्तन को समझने और आपदा प्रबंधन से जुड़ा महत्वपूर्ण डेटा मिलेगा.

 

शुक्रयान-1 मिशन : भारत का लक्ष्य अगले साल तक शुक्र ग्रह पर रिसर्च के लिए अंतरिक्ष यान भेजने का है. शुक्रयान-1 मिशन असल में एक ऑर्बिटर होगा जो शुक्र की परिक्रमा करते हुए उसके वायुमंडल और सतह की जानकारी इकट्ठा करेगा. इससे वैज्ञानिकों को शुक्र की जलवायु और भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं को समझने में मदद मिलेगी.

 

मंगलयान-2 मिशन : मंगलयान-1 की सफलता पर पूरा देश झूम उठा था, 2026 में मंगलयान-2 की बारी आएगी. मंगलयान-2 हमें लाल ग्रह के बारे में और जानकारियां मुहैया कराएगा. इस मिशन का मकसद मंगल की सतह और उसके वायुमंडल को समझने के साथ-साथ जीवन की संभावित मौजूदगी के प्राचीन संकेतों को ढूंढना भी है.

 

चंद्रयान-4 मिशन : चंद्रयान-3 के साथ भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में इतिहास रचा. 2028 में चंद्रयान-4 को लॉन्च करने की तैयारी है. ISRO इस मिशन के जरिए चंद्रमा से सैंपल वापस लाना चाहता है. यानी चंद्रयान-4 न सिर्फ चांद पर लैंड करेगा, बल्कि वहां से सैंपल कलेक्ट करेगा और विस्तृत एनालिसिस के लिए धरती पर लाएगा.

 

NASA के आर्टेमिस मिशन: NASA के आर्टेमिस मिशनों में भारत भी साझेदार बनेगा. इन मिशनों के जरिए इंसान को दोबारा चंद्रमा पर भेजने की तैयारी है. वहां पर लंबे समय तक मौजूदगी कैसे स्थापित की जाए, यह भी आर्टेमिस मिशन के लक्ष्यों में से एक है.

 

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