रिपोर्ट विकास तिवारी
मुख्यमंत्री से की गई मंडलीय अस्पताल में भ्रष्टाचार की शिकायत
*संगदिध बताई गई प्रधानाचार्य की भूमिका*
ज्ञात हो कि जब से मंडलीय चिकित्सालय को मां विंध्यवासिनी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय से संबंध किया गया है तब से ही आए दिन मंडलीय चिकित्सालय पे भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे है और मुख्य बात ये है की इसमें मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य की भी भूमिका बताई जाती है । कभी मरीजों से विवाद तो कभी बाहरी मेडिकल से दवाई लिखना , ओपीडी चिकित्सक के कमरे में भारी मात्रा में एमआर का आना,इस भीषण गर्मी में वाटर कूलर की व्यवस्था न होना । यह सब क्रियाकलाप प्रधानमंत्री जी एवम मुख्यमंत्री जी के बेहतर स्वास्थ सुविधाओं के दावा को खोखला साबित कर रहा है जिसकी उनको जानकारी होना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
पिछले दिनों हॉस्पिटल मैनेजर पद पर आसीन अनुज ठाकुर की भी जांच कराई गई थी जिसे पूर्णता फर्जी पाया गया था और जिलाधिकारी के आदेश के बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने उन्हें पद मुक्त करते हुए सीएमओ कार्यालय से संबंध कर दिया था वावजूद इसके प्रधानाचार्य द्वारा उन्हें अस्पताल की जिम्मेदारी दी जा रही है। यहां तक कि यह भी आरोप लगा था की उनको आवास भी आवंटित किया गया है ।
प्रधानमन्त्री जन औषधी मेडिकल स्टोर का स्थानानारण प्रमुख अधीक्षक, मण्डलीय जिला चिकित्सालय मीरजापुर के द्वारा नये स्थान पर किया गया था परन्तु प्रधानाचार्य, मां विंध्यवासिनी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय मीरजापुर के द्वारा बाहरी मेडिकल स्टोर के साथ साथ-साथ स्थापित कर प्रधानमन्त्री जन औषधी मेडिकल स्टोर खोलने पर रोक लगा दिया गया जिससे मरीजो का आर्थिक शोषण हो रहा है ।
तमाम ऐसे मुद्दों पर एक 10 सूत्री मांगों का पत्र मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी को सौंप कर कार्यवाही की मांग किया