रिपोर्ट विकास तिवारी
जंगल के वर्दी धारियों की लापरवाही ने जंगल उजाड़ दी। मड़िहान मिर्जापुर क्षेत्र के अन्तर्गत मड़िहान वन रेंज, पटेहरा वन रेंज के वन वर्दी धारी गहरी नींद में सो रहे हैं।जंगल वैसे ही तपती धूप से सूख रहे हैं। ऐसे में वनों की कटाई शर्मशार कर रही। वन कटाई करने वाले पीने का पानी खाना का व्यवस्था करके सुबह से वन में घुस जाते हैं। पेड़ो की कटाई करके शाम को निकलते हैं। सूखी लकड़ी के कटाई के नाम पर जंगल के हरे भरे पेड़ों को धाराशाई करके दिनदहाड़े रोड़ से निकल है। लकड़हारे, जंगल काटने वाले तमाम अनमोल औषधियों के वृक्षों को काटकर जीवन दायिनी औषधियों का नास कर दिया है। वनरक्षक कर्मी कहां है।जब वनविभाग बनेगा इतना लापरवाह तो जंगल कैसे बच पायेगा। जंगल की रखवाली सुरक्षा के लिए सरकार इन्हें तैनात किया है। जंगल को साफ कराने के लिए नहीं। जंगल के जंगल हो रहे हैं साफ। आल अधिकारी व कर्मचारी गहरी नींद में सो रहे हैं। अगर इनको इतनी निंद प्यारी है तो जंगल की नौकरी छोड़ दें।जंगल में ठीक से छाया न मिलने से वन्य प्राणियों का भी जीवन ख़तरे में है। इनके लिए पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। वन्य प्राणियों के पीने के पानी की व्यवस्था के लिए यहां का वन विभाग सौरजल पंप का व्यवस्था भी ठीक से नहीं कर पा रहाहै। इसे क्या कहें वन विभाग की लापरवाही कि आराम तलब ज़िन्दगी।