जीवन मे खेल का महत्व
रिपोर्ट विकास तिवारी
आज ग्रामीण युवा मंच एवं मानव संसाधन एवम महिला विकास संस्थान के तत्वावधान मे कुदारन (बगीचा )में 28 मई को विश्व खेल दिवस पर *सबका खेल, सबके साथ* का आयोजन किया. जिसमे मीरापुर, लालपुर, घासीपुर, अधवार, घाटमपुर, अलहुआ, मुजडीह, डकही, कुदारन और मादाचाक के लगभग 250 से अधिक बच्चों ने भाग लिया.
इस खेल का उद्घाटन करते हुए जिला व्यायाम शिक्षक श्री विनोद कुमार यादव कहा कि आज के समय मे बच्चो के जीवन मे खेल बहुत ही आवश्यक है. सरकार भी खेल के प्रति बहुत जागरूक है. देश में युवाओं को खेलने का अवसर मिल रहा है.खेल से शारिरिक और सामाजिक विकास होता है. खेल को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए जिससे स्वस्थ और तंदुरस्त रहते है. खेल से सोचने और समझने का बल मिलता है. बच्चों को गांव से देश स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेना चाहिए. खेल के माध्यम से हम अपने गांव और देश का नाम रोशन करते है.
कार्यक्रम में खेल शिक्षक श्रीमती रंजना ने कहा कि समाज में लड़कियों को खेल खेलने का अवसर बहुत कम मिलता है. गांव स्तर के छोटे छोटे खेल आयोजित करके हम लड़कियों को आगे ला सकते है. सभी बच्चों को खेल का अधिकार है. इसलिए लड़का लड़की में कोई भेद भाव नहीं हो, समाज के हर जाति और वर्ग के बच्चों को भेदभाव बिना उनको अवसर मिले. सबको इसके प्रति जागरूक होना जरुरी है.
ग्रामीण युवा मंच लीडर सुश्री अंजू कुमारी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार धोषणा पत्र के अनुच्छेद 31 में बच्चों को खेल की गतिविधियों में हिस्सा लेने का अधिकार है.
खेल की गतिविधियों से बच्चों में टीम भावना विकसित होती है. बच्चे हार जीत के महत्व को समझते कि यह जीवन का हिस्सा है.
इस अवसर पर बच्चों न दौड़ ,लम्बी कूद ,जलेबी दौड़, चम्मच दौड़, कबड्ड़ी, रस्सी कूद आदि खेलो में सक्रिय रूप से भाग लिया
लड़कियों और लड़को के दौड़ में प्रथम स्थान सपना और सुजित, दुसरे स्थान पर बाड़ी और गोलू तीसरे पर संध्या,अंजलि और पियाशु पाल रहे.
इस खेल के आयोजन में हुए प्रथम स्थान , द्वितीय स्थान , तृतीय स्थान पाने वाले बच्चो को पुरस्कार वितरण किया गया ।
इसमे कार्यक्रम में कुदारन के ग्राम प्रधान शिवकुमार, संजय कुमार, लोकनाथ , धर्मेंद्र कुमार, आरती देवी, ख़ुशी, श्वेता, ज्योति, सरिमन, ओमप्रकाश, संगीता , रूली ,अशोक ,आरिफ, राहुल, नागेंद्र, महेंद्र, धर्मेंद्र, निवेदिता, स्वाति, इत्यादि ने अपने विचार व्यक्त किये.
कार्यक्रम का संचालन बबलू बावरा व समापन सुनील कुमार ने किया.