बीजेपी ने इलेक्टोरल बांड आजाद भारत का सबसे बड़ा चुनावी चंदा घोटाला किया है बृजेंन्द्र मिश्रा

RIPORT VIKASH TIWARI

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पूर्व मंत्री राय के निर्देश पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं मिर्जापुर के प्रभारी बृजेन्द्र मिश्रा ने प्रेस नोट में कहां की भारतीय जनता पार्टी द्वारा 2 जनवरी 2018 से अधिसूचत इलेक्टिक बांड योजना आजाद भारत में चुनावी चंदे की सबसे बड़ी भ्रष्ट योजना बनाया गया है भाजपा के द्वारा सफेद तरीके से काला धन एकत्र करने की एक अपार दर्शी योजना बनाई गई जो सरकारी शक्ति के दुरुपयोग का एक नायाब नमूना बन गई है 15 फरवरी 2024 को सर्वोच्च न्यायालय के पांस न्याय मूर्तियों की एक पीठ ने इस योजना को एक मत से असंवैधानिक करार देते हुए खारिश कर दिया
श्री मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने शुरू से ही इस चंदे के काले धंधे का विरोध किया था हमने बार-बार कहा कि यह योजना भाजपा सिर्फ अपने फायदे के लिए और चुनावी चंदे में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए ला रही है सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस योजना को खारिज करने के बाद कांग्रेस पार्टी का मत सत्य साबित हुआ सुप्रीम कोर्ट ने इस योजना पर ताला लगाकर यह सिद्ध कर दिया कि भाजपा चोर दरवाजे से चंदे के धंधे का काला खेल कर रही थी यही नहीं मोदी सरकार एसबीआई को कोर्ट के आदेश के बाद भी इलेक्टोलरल बांड से समबन्धित सूचना को साझा करने से रोक रही थी सरकार सारी सूचना को आगामी 30 जून तक यानी चुनाव सम्पन्न होने तक छुपाने का षड्यंत्र कर रही थी लेकिन कोर्ट के दबाव के बाद जब एसबीआई को इलेक्टोरल बांड से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करनी पड़ी तो भाजपा की चार भ्रष्ट नीतियां उजागर हुई
( 1)चंदा दो धंधा लो ऐसी कई कंपनियां के मामले हैं जिन्होंने इलेक्टोरल बांड दान किया और उसके तुरंत बाद उन्हें सरकार ने भारी लाभ प्राप्त हुआ उदाहरण के तौर पर मेधा इंजीनियरिंग ऐंड इफरा ने अप्रैल 2023 में 140 करोड़ डोनेट किया और ठीक 1 महीने बाद उन्हें 14.400 करोड़ रुपए की ठाणे-बोरीवली टिवन टनल प्रोजेक्ट मिल गया
इन्फास्स्टैक्चर से जुड़ी कई कंपनियों ने भारी मात्रा में चंदा दिया है और उसके बाद उन्हें प्रोजेक्टस मिले हैं पिछले कुछ वर्षों में चंदा दो धंधा लो की तर्ज पर दिये गये कई बुनियादी ढांचे के प्रोजेक्टस मैं घटिया निर्माण सामग्री होने के कई मामले सामने आए हैं गुजरात के मोरबी का झूला ब्रिज इसका एक ज्वलंत उदाहरण हैं जिसे टूटने से सैकड़ो लोग की मौत हो गई थी
सवाल क्या चुनावी बांड दान कर हासिल किये गये इन प्रोजेक्टस मैं घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल से भारतीयों की जान जोखिम में डाली गई है फार्मा कंपनियों द्वारा चुनावी बांड देकर खराब दवाईयो को बनाने और निर्यात करने की अनुमति प्रदान की गई क्या भारत की दवा नियामको ने चुनावी बांड के बदले खराब दबाव को बाजार में लाने की अनुमति दी है
(2) हफ्ता वसूली भाजपा की हफ्ता वसूली नीति बेहद सरल है ईडी/सीबीआई/ आईटी के माध्यम से किसी कंपनी पर छाप मारो और फिर कंपनी की सुरक्षा के लिए हफ्ता (दान) मांगो
उदाहरण के तौर पर फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स पर 2 अप्रैल 2022 को ईडी ने छापा मारा और 5 दिन बाद 7 अप्रैल को उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड में 100 करोड रुपए का दाम दिया अक्टूबर 2023 आईटी विभाग ने उसी कंपनी पर छाप मारा और इस महीने में उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड में 65 करोड रुपए का दान दिया
इनकम टैक्स विभाग ने दिसंबर 23 में शिरडी साई इलेक्ट्रिकल्स पर छापा मारा और जनवरी 2024 में कंपनी ने इलेक्टोरल बाड के माध्यम से 40 करोड रुपए दान दिया
सवाल क्या सरकार ने संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर चुनावी चंदा एकत्रित किया है
क्या सरकार ने उद्योगपतियों और व्यापारियों में डर पैदा कर उनसे चुनावी चंदा लिया है

(3) रिश्वत लेने का नया तरीका आंकड़ों से एक पैटर्न उभरता है जिसमें केंद्र सरकार से कुछ मदद मिलने के तुरंत बाद कंपनियो ने चुनावी बांड के माध्यम से एहसान चुकाया है उदाहरण के तौर पर वेदांता को 3 मार्च 2021 को राधिकापुर पश्चिम प्राइवेट कोयला खदान मिला और फिर अप्रैल 2021 में उन्होंने चुनावी बांड में 25 करोड रुपए का दान दिया
क्या मोदी सरकार ने कुछ खास उद्योगपति घरानों को नाजायज लाभ दिया है क्या सरकार ने अपनी भ्रष्ट नीतियों से भारत का आर्थिक माहौल खराब किया है
(4) फर्जी कंपनियों के माध्यम से चंदा वसूली इलेक्टोरल बांड योजना आने के बाद यह देखने में आया है कि बहुत सारी फर्जी कंपनियों का पंजीकरण सिर्फ और सिर्फ भाजपा को चुनावी चंदा देने के लिए कराया गया है 2018 के बाद कम से कम 43 ऐसी कंपनियां स्थापित हुई जिन्होंने अपनी स्थापना के कुछ ही महीना के भीतर इलेक्टोरल बांड खरीदे इनमें से कई ऐसी कंपनियां है जिन्होंने अपनी शेयर वैल्यू के कई गुना अधिक चंदा दान दिया कंपनियां है जिन्होंने अपनी शेयर वैल्यू केई गुना अधिक चंदा दान किया है
उदाहरण के तौर पर क्विक सप्लाई चेन लिमिटेड की मलीयत 130 करोड रुपए है और इस कंपनी ने 410 करोड रुपए चुनावी चंदा दिया है अप्रैल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली स्थित हब पावर नामक कंपनी ने चुनावी बांड के माध्यम से 95 लाख का दान दिया दिल्ली सरकार के जीएसटी विभाग ने स्वीकार किया कि हब पावर एक फर्जी कंपनी थी जिसे कथित तौर पर धोखा धड़ी करने के लिए
स्थापित किया गया था
सवाल फर्जी कंपनियों के खिलाफ अभियान छेड़ने का दावा करने वाले मोदी जी क्या फर्जी कंपनियों के माध्यम से चुनावी चंदा लेते हैं
श्री मिश्रा ने कहा कि मोदी जी ना खाऊंगा ना खाने दूंगा मगर चुनावी इलेक्टोल बांड घोटाल के बाद उनका यह जुमला दिखावटी साबित हुआ असर में मोदी राज में भाजपा ने 10 सालों में खूब खाया और अपने लोगों को खिलाया इलेक्टोल बांड घोटाले के बाद भाजपा पूरी तरह से बेनकाब हो चुकी है उनके चेहरों पर चंदा मुखौटा उतर गया है और साथ यह सिद्ध हो गया है आजाद भारत की यह सबसे भ्रष्ट सरकार साबित हुई है जनता अब इन्हें वोट की चोट से सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने का काम करेगी

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