रिपोर्टर: मनोज कुमार शर्मा
जिला मैनपुरी
मैनपुरी में आज एक ऐसा अनोखा मामला सामने आया है।जिसमे एक वर बधु ने शादी होने बाद बधु ससुराल न जाकर बृद्धा आश्रम जा पहुँची और वर वधु ने पहले वहाँ रह रहे सभी वुजुर्गो से आशीर्वाद लिया और उनको भोजन कराया और सभी को वस्त्र देकर एक मिसाल भी ऐसे लोगो के लिए पेश की जो वुजुर्गो को एक बोझ समझ के जीवन के आखिरी पड़ाव में अकेला छोड़ देते है।
वीओ- मैनपुरी के ग्राम नगला अनूप के रहने वाले जयगुरुदेव यादव होमगार्ड है उन्होंने अपने बेटे की शादी विना दान दहेज लिए विल्कुल साधारण तरीके से शादी की और उसके बाद जैसे ही विदा हुई तो दूल्हा और दुल्हन ने मैनपुरी स्थित बृद्धा आश्रम में जाने की इक्षा जाहिर की तो जयगुरुदेव यादव तुरन्त तैयार हो गए। जयगुरुदेव को ये प्रेरणा संवेदना फाउंडेशन के संस्थापक समाजसेवी धर्मवीर राही से मिली इन लोगो ने मिलकर अब तक करीब 151 गरीव लड़कियों की शादी बिना कोई सरकारी सहायता के जन सहयोग से सम्पन्न करा चुके है।पिता के संस्कारों का ही असर है दूल्हा दुल्हन पहले व्रद्ध आश्रम पहुचे और वर वधु ने पहले वहाँ रह रहे सभी वुजुर्गो से आशीर्वाद लिया और उनको भोजन कराया और सभी को वुजुर्ग महिलाओं को साड़ी और पुरुषों को शाल देकर सम्मानित किया और उनका आशीर्वाद लिया। समाजसेवी धर्मवीर राही के संपर्क में आने के बाद ही जयगुरुदेव की सोच में बदलाव आया राही जी का कहना है कि अपने लिए जिये तो क्या जिये हमे ऐसे लोगों की सेवा करनी चाहिए जिनके अपने होते हुए भी अकेले जिंदगी गुजारने पर मजबूर है।दोनो वर वधु ने ये एक संदेश भी ऐसे लोगो को दिया है जो जीवन के उस आखिरी पड़ाव में वुजर्ग मां बाप को बोझ समझ कर अकेले तिल तिल कर मरने लिए छोड़ देते है।
वाइट दूल्हा
वाइट दुल्हन
वाइट लड़के का पिता
वाइट धर्मवीर राही समाजसेवी