चेयरपर्सन (अध्यक्ष) का प्रेस सम्मेलन वाराणसी मे हुआ आयोजित

रोहित सेठ

एनपीएस कॉर्पोरेट मॉडल के लाभ
एनपीएस एक व्यक्तिगत पेंशन खाता है – इसमें जमा राशि कर्मचारी की होती है।
पीएफ और निवेश चुनने में लचीलापन – एसेट क्लास ई, सी.जी.। इन पर प्रतिफल बाजार के प्रदर्शन से जुड़ा हुआ है।
(सेक्शन 80 CCD  1(B) के तहत 50,000 रुपए तक की अतिरिक्त कटौती (डिडक्शन) की अनुमति।
नियोक्ता के अंशदान पर वेतन के 10% तक की कटौती (डिडक्शन) की अनुमति है, जिसकी अधिकतम सीमा रु. 7.5 लाख रुपए हो सकती है।
3 वर्षों के बाद स्वयं के अंशदान की 25% तक राशि की आंशिक निकासी की अनुमति है। यह कर मुक्त है।
सेवानिवृत्ति पर, 60% धनराशि एकमुश्त निकासी की अनुमति है। न्यूनतम 40% वार्षिकीकरण (एनुटाइज्ड) करने की अनुमति है।
सेवानिवृत्ति के बाद भी एनपीएस खाता जारी रखने का विकल्प खुला होगा। अथवा 75 वर्ष की आयु तक किस्तों में एकमुश्त राशि निकाल सकते हैं या वार्षिकी खरीद (एनुइटी परचेज) को लंबित कर सकते हैं।
नियोक्ता ने कर्मचारियों के लिए जो एनपीएस योगदान किया है, उसका नियोक्ता द्वारा खर्च के रूप में दावा किया जा सकता है।

ग्राहकों को एनपीएस क्यों चुनना चाहिए-
असंगठित क्षेत्र में कोई औपचारिक पेंशन व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग स्वयं ही सेवानिवृत्ति की योजना खुद बनाते हैं।
एनपीएस एक योग्य विकल्प प्रदान करता है – यह एक विनियमित, पेशेवर रूप से प्रबंधित, सस्ता, पारदर्शी और पोर्टेबल पेंशन योजना है, जो हर उस व्यक्ति के लिए अनुकूल है, जो अपनी वृद्धावस्था में आय सुरक्षा के लिए बचत और निवेश की योजना बना रहा है।
इसमें काफी लचीलापन है। आप अपने हिसाब से कोष में योगदान कर सकते हैं। यह पेंशन फंड और असेट एलोकेशन (संपत्ति आवंटन) के कई विकल्प प्रदान करता है, ताकि सेवानिवृत्ति के फंड में अच्छी खासी रकम जमा हो सके।
एनपीएस में विभिन्न कर प्रोत्साहन हैं। इसने पीएफ के जरिए आकर्षक और प्रतिस्पर्धी रिटर्न भी दिया है।
टियर I- अनिवार्य, गैर-निकासी योग्य पेंशन खाता है। टियर II- निकासी योग्य और अल्पकालिक निवेश खाता है।
वाराणसी के एमएसएमई क्षेत्र में एनपीएस-कॉर्पोरेट के लिए अपार संभावनाएं

वाराणसी में एमएसएमई के 76,147 उद्यम पंजीकरण हैं, जिनमें से 97.3% सूक्ष्म, 2.4 प्रतिशत लघु और 0.2 प्रतिशत मध्यम उद्यम हैं।

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