विद्यापीठ परिवार अपने पूर्व छात्र लाल बहादुर शास्त्री को उनकी पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता है
रोहित सेठ वाराणसी
98 साल पहले काशी विद्यापीठ में शास्त्री डिग्री प्रदान की गई थी
काशी विद्यापीठ परिवार ने अपने पुरातन छात्र एवं भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री को उनकी पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। गौरतलब है कि उन्हें शास्त्री की उपाधि 1925 में काशी विद्यापीठ से मिली थी. महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी बताते हैं कि इस उपाधि के बाद उन्होंने अपने नाम के आगे शास्त्री लगाना शुरू कर दिया. दर्शनशास्त्र उनका पसंदीदा विषय था। और भारतरत्न डॉ. भगवान दास उनके गुरु थे। काशी विद्यापीठ परिवार के लिए यह अत्यंत गौरव का क्षण था जब प्रधानमंत्री के रूप में शास्त्री जी ने 6 फरवरी 1965 को काशी विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह में अपना संबोधन दिया। काशी विद्यापीठ शास्त्री जी को अपने छात्र के रूप में पाकर अत्यंत गौरवान्वित महसूस करता है और उन्हें अपना मानता है। जीवन को एक आदर्श मानते हैं और वहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को उनके बताए रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. नवरत्न सिंह ने बताया कि आज लाल बहादुर शास्त्री पार्क और आचार्य नरेंद्र देव छात्रावास में विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और अधिकारियों द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार प्रोफेसर अमिता सिंह, चीफ वार्डन प्रोफेसर टीबी सिंह, डॉ. नीरज सोनकर, संपदा अधिकारी डॉ. सूर्यनाथ सिंह, उप कुलसचिव श्री हरिश्चंद्र, डॉ. रवींद्र कुमार गौतम, डॉ. राजेश राय सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम में मौजूद.