रिपोर्ट रोहित सेठ वाराणसी
डेलिम्स सनबीम ग्रुप ऑफ स्कूल्स एण्ड हॉस्टल, रोहनियों वाराणसी ने वार्षिकोत्सव ‘नमस्ते काशी-2023 दिनांक 23-12-2023 दिन शनिवार को सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में हर्षोल्लास के साथ मनाया।
समारोह का उद्घाटन ग्रुप के अध्यक्ष श्री प्रदीप बाबा मघोक, निदेशिका श्रीमती पूजा मधोक, अतिरिक्त निदेशिक श्री माहिर मघोक, अतिरिक्त निर्देशिका श्री फिजा मधोक एवं अलीशा मधोक वालिया एवं मुख्य अतिथि किराना घराना से संबंधित पद्द्मविभूषण पं० छन्नूलाल मिश्र जी, श्री पार्थ प्रतिम भट्टाचार्य [निदेशक कानून और न्याय मंत्रालय ] ने सामूहिक रूप से संस्थापकद्वय डॉ० अमृतलाल इशरत एवं मैडम दीश इशरत के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
इस अवसर पर बतौर विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री पार्थ प्रतीम भट्टाचार्या जी [निदेशक कानून और न्याय मंत्रालय] रहे।
गणमान्य अतिथियों के रूप में पधारे श्रीमती नीलाक्षी चौधरी [प्रख्यात वकील सुप्रीम कोर्ट]. डॉ० एस० वी० राजू [निदेशक कृषि विज्ञान संस्थान बी० एच० यू०], डॉ० अनिल त्रिपाठी [निदेशक विज्ञान संकाय बी० एच० यू०], डॉ० शिव प्रकाश सिंह [चीफ प्राक्टर बी० एच० यू०], डॉ० रंजन कुमार [डीन फैकॅल्टी ऑफ लॉ महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ], श्री आर० के० रावत [उप-निदेशक पर्यटन, उत्तर प्रदेश शासन] सुचरिता गुप्ता [प्रख्यात गायिका]. डॉ० दिग्विजय सिंह [मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल], श्री विक्रांत वीर [डी० सी० पी० ट्रैफिक], श्री विशाल कृष्ण [प्रख्यात कथक नर्तक], श्री उमेश सिंह [अध्यक्ष स्पिक मैके, वाराणसी चैप्टर] का स्वागत एवं अभिनंदन पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिह्न भेंट कर किया गया।
सर्व प्रथम विद्यालय के नन्हें-मुन्ने छात्रों द्वारा स्वागत गीत एवं नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति से मुख्य अतिथि तथा सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया। तत्पश्चात विद्यालय के लग्भग 80 छात्रों ने भारतीय एवं पाश्चात्य वाद्ययंत्रों पर ‘अजीब सुरीला’ ऑर्केस्ट्रा रुद्राक्ष नामक ऑर्केस्ट्रा की धमाकेदार प्रस्तुकरण ने दर्शको को आकर्षित कर लिया।
तत्पश्चात नमस्ते काशी प्रसंग के तहत रंगे-बिरंगे परिधानों से सजे बच्चों ने काशी की संस्कृति की विशेषताओं और हमारे जीवन मूल्यों को दर्शाते हुए मनमोहक प्रस्तुतियों से दर्शकों को
मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर जी-20 के प्रतिनिधियों को काशी की सांस्कृतिक छटा, खान-पान प्रसिद्ध त्योहारों एवं काशी की महान विभूतियों, प्रसिद्ध वस्तुएँ, मंदिरों, विश्वविद्यालयों इत्यादि की विशेषताओं के माध्यम से अपनी सन्यता और संस्कृति को दर्शाते हुए कई रंगारंग कार्यक्रम जैसे- शिव-तांडव नृत्य, होली-नृत्य, फैशन शो [जूनियर्स और सीनियर्स ] रामलीला, गंगा आरती, बुद्ध का गहन उपदेश इत्यादि प्रस्तुत किए गए। प्राथमिक और उच्च दोनों ही वर्गों के विद्यार्थियों ने वार्षिकोत्सव के थीम मंचन किया. में रखकर जब अपने-अपने कार्यक्रम के माध्यम से काशी की संस्कृति को मंच पर जीवत को का उत्साहवर्द्धन किया। गड़गड़ाहट वार्षिकोत्सव समारोह में बच्चों के अभिभावकों ने विभिन्न कार्यक्रमों में अपने बच्चों की प्रस्तुतियों को देखकर फूले नहीं समा रहे थे।
तदुपरांत विद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक्स श्री सुगोदीप डे द्वारा डैलिम्स सनबीम ग्रुप ऑफ स्कूल्स की 51 वर्ष की यात्रा का वर्णन किया गया।
इसी क्रम में मुख्य अतिथि पं० छन्नूलाल मिश्र जी, सम्मानित अतिथिगण एवं विद्यालय के अध्यक्ष डॉ० प्रदीप बाबा मधोक एवं निर्देशिका श्रीमती पूजा मधोक द्वारा विद्यालय का कैलेंडर-2024 का विमोचन किया गया।
मुख्य अतिथि ने छात्रों के उत्कृष्ट प्रदर्शन की प्रशंसा करते हुए उनका उत्साहवर्धन किया और शिक्षा के साथ-साथ छात्रों के कौशल विकास के लिए इस तरह की गतिविधियों के महत्व को उजागर किया। विद्यालय की प्रचार्या श्रीमती गुरमीत कौर ने विद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। जिसमें उन्होंने शैक्षणिक एवं पाठ्यपुस्तक सहगामी गतिविधियों का एवं विद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
विद्यालय के अध्यक्ष डॉ० प्रदीप ‘बाबा’ मधोक ने आए हुए लोगों का स्वागत करते हुए बच्चों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं। इस अवसर पर संस्था की निदेशिका श्रीमती पूजा मधोक ने जन-समूह को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी अतिथियों के आगमन से हम अपने आप को धन्य समझते हैं। हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि विद्यालय द्वारा प्रस्तुत संदेशपूर्ण ये कार्यक्रम जन-जन में अवश्य नव-चेतना का संचार करेगा। इसी क्रम में संस्था की अतिरिक्त निदेशिका श्रीमती अलीशा मधोक वालिया एवं अतिरिक्त निदेशक श्री माहिर मधोक ने अपने उद्बोधन में छात्रों की प्रस्तुतियों की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए शुभकामनाएँ दी। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की हेड-व्याय और हेड-गर्ल ने उपस्थित सभी लोगों को धन्यवाद देते हुए आभार। वार्षिकोत्सव का समापन राष्ट्रीय गीत वन्देमातरम् के साथ किया गया।