वाराणसी में हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा हिन्दू राष्ट्र-जागृति जनसभा का आयोजन !

रिपोर्ट रोहित सेठ वाराणसी

श्रीरामजन्म भूमि ‘अयोध्यानगरी’ में ‘शराब और मांस’ पर 100 प्रतिशत प्रतिबंध लगाएं ! – हिन्दुत्वनिष्ठों की संगठित मांग

वाराणसी – पिछले 500 वर्षों के निरंतर संघर्ष के बाद भगवान श्रीराम अयोध्या में नवनिर्मित भव्य श्रीराम मंदिर में विराजमान होंगे । आज देश के अनेक मंदिरों, तीर्थ स्थलों आदि पर ‘पर्यटन विकास’ के नाम पर बीयर बार, मटन आदि की दुकानें खोली गई हैं । इस आधार पर अयोध्या नगरी की पवित्रता को बनाए रखने की दृष्टि से अयोध्यानगरी को संपूर्णरूप से मद्य-मांस मुक्त किया जाए, इस मांग हेतु यहां के शास्त्री घाट पर हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा एक हिन्दू राष्ट्र-जागृति जनसभा का आयोजन किया गया । सभा के अंत में यहां के जिलाधिकारी के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया । इस समय हिन्दू व्यापारियों पर जबरन थोपे गए और धार्मिक भेदभाव करनेवाले गैरकानूनी ‘हलाल सर्टिफिकेशन’ पर पूरे भारत में प्रतिबंध लगाया लगाने की मांग भी की गयी ।

इस समय वाराणसी व्यापार मंडल अध्यक्ष श्री. अजीत सिंह बग्गा, पहड़िया व्यापार मंडल के श्री अरविंद लाल,  हिंद मजदूर किसान समिति के श्री.  राजेश कुमार, राष्ट्रीय बजरंग दल काशी महानगर के महामंत्री श्री.  हरिनाथ सिंह एवं वाराणसी व्यापार मंडल के संगठन मंत्री श्री.  सुनील कुमार गुप्ता, श्री. अनूप कुमार, जया केशरी, श्री.  सत्येंद्र सिंह, श्री. कविंद्र जायसवाल, श्री.  एसएम वहल,  व्यापार मंडल के श्री सुनील चौरसिया, अधिवक्ता अनुष्का तिवारी, राज बहादुर गुप्ता, हिन्दू जनजागृति समिति के श्री.  विश्वनाथ कुलकर्णी, श्री. राजन केशरी तथा सनातन संस्था के प्रतिनिधि उपस्थित थे ।

दिनांक 9 मार्च 2004 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने हरिद्वार और ऋषिकेश के तीर्थ क्षेत्रों में प्रशासन द्वारा लगाए गए मांस-शराब प्रतिबंध को बनाए रखते हुए कहा है कि इन तीर्थ स्थलों पर कुंभ मेला के लिए बडी संख्या में आनेवाले करोडों श्रद्धालुआें की धार्मिक भावनाआें का प्राथमिकता से विचार किया जाना चाहिए । इस प्रकार सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में इस ‘मांस-मदिरा’ पर प्रतिबंध का स्पष्ट शब्दों में समर्थन ही किया है । इस दृष्टि से तीर्थस्थल पर्यटन स्थल न बनें इसका ध्यान रखा जाए अन्यथा अयोध्या नगरी में दिव्यता घट जाएगी और रज-तम बढ जाएगा ।

केंद्रीय अर्थमंत्री निर्मला सीतारामण ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि अन्न पदार्थ एवं उत्पादों को प्रमाणपत्र देने का अधिकार केवल सरकार को ही है; निजी संस्थाओं को नहीं ! इसी के साथ मुस्लिम महासंघ ने भी अब घोषित कर दिया है की ‘हमें नहीं पता था कि गेहूं, चावल जैसे अनाजों को भी ‘हलाल सर्टिफिकेट’ दिया जाता है । हमारे पंथ में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है । जिन निजी प्रतिष्ठानों द्वारा ‘हलाल सर्टिफिकेट’ जारी किया जा रहा है, उनकी ‘हलाल से प्राप्त धनराशि का उपयोग कहां होता है’, इसकी भी जांच सीबीआई द्वारा कराई जाए ऐसी भी मांग इस समय की गयी ।

 

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