22 जून को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में होगा प्राकृतिक चिकित्सा के गांधीवादी मार्ग पर मंथन, महामहिम आनंदीबेन पटेल करेंगी उद्द्घाटन

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी स्थित गांधी अध्ययनपीठ के सभागार कक्ष में 22 से 23 जून तक अखिल भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा परिषद, कोलकाता एवं प्राकृतिक चिकित्सा शिक्षा केन्द्र, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के संयुक्त तत्वावधान में “भारतीय ज्ञान परम्परा एवं प्राकृतिक चिकित्सा का गांधीवादी मार्ग” विषय पर अखिल भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा परिषद, कोलकाता का 40वां राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। जिसमें देश भर से 200 से भी ज्यादा प्राकृतिक चिकित्सा क्षेत्र के विद्वान प्रतिभाग करेंगे।
सम्मेलन का उदघाटन 22 जून को प्रातः 10:00 बजे उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा किया जायेगा। समारोह की अध्यक्षता प्रो. ए. के. त्यागी कुलपति महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ करेंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में उ.प्र. सरकार के आयुष मंत्री डा० दया शंकर मिश्र “दयालु” तथा मुख्य वक्ता के रुप में अखिल भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा परिषद, कोलकाता के अध्यक्ष प्रो० शंकर कुमार सान्याल एवं सम्मानित अतिथि के रूप में कुंवर शेखर विजेंद्र, कुलाधिपति, शोभित यूनिवर्सिटी तथा प्रो० श्रीकांत पाटिल अमरावती विश्वविद्यालय होंगे।
सम्मेलन में प्राकृतिक चिकित्सा के वर्तमान स्वरूप के साथ साथ भविष्य में इसकी उपयोगिता पर विचार विमर्श किया जायेगा। दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान दो दर्जन से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए जायेंगे साथ ही सम्पूर्ण भारत के विभिन्न राज्यों से आए प्राकृतिक चिकित्सा से जुड़े विद्वान एवं प्रैक्टिशनर भी अपने विचार एवं अनुभव साझा करेंगे।
सम्मेलन के समापन समोराह में प्रतिवेदन प्रस्तुतिकरण तथा प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरण के साथ सम्मेलन अपनी पूर्णता को प्राप्त करेगा।
उद्घाटन के दौरान सम्मेलन से सम्बन्धित प्रोसीडिंग एवं हीलिंग विथ सत्य- वैदिक साइंस तो गांधियन वे ऑफ नेचुरोपैथी पुस्तक विमोचन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा किया जायेगा।
आयोजन को सफल बनाने के लिए योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा शिक्षा केन्द्र (मगांकावि) के 50 से भी ज्यादा छात्र छात्राएं विभिन्न स्थलों पर उपस्थित रहेंगे ताकि आगंतुक अतिथिगण एवं प्रतिनिधिगण को किसी प्रकार की असुविधा ना हो। सम्मेलन स्थल की सजावट एवं अन्य व्यवस्थाओं की तैयारी में कुलसचिव डा. सुनीता पाण्डेय, उप कुलसचिव हरिश्चंद्र, वित्त अधिकारी, कुलानुशासक प्रो. अमिता सिंह, संगोष्ठी समन्वयक प्रो. संजय, तथा प्रो० एन पी सिंह तथा डा० सुनील कुमार यादव आयोजन सचिव के साथ ही डा० सुनिता कुशवाहा, डॉ 0 चंद्रमणि सहयोगी की भूमिका में आयोजन को सफल बनाने हेतु संलग्न हैं।

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